पूर्वी सिंहभूम में 50 परिवार की प्यास बुझाने वाली जलमीनार ने ले ली 70 साल की सालो हांसदा की जान
पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा प्रखंड में जलमीनार ढहने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. महिला का नाम सालो हांसदा है. अपने 7 साल के पोता के साथ गांव में रहती थी.
पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा प्रखंड में 50 परिवारों की प्यास बुझाने वाली जलमीनार ने एक बुजुर्ग महिला की जान ले ली. महिला की पहचान सालो हांसदा के रूप में हुई है. सालो हांसदा की उम्र करीब 70 वर्ष बताई गई है.
होली के दिन हुई दुखद घटना
गुड़ाबांदा प्रखंड के अंगारपाड़ा पंचायत की मंदा गांव में यह घटना होली के दिन मंगलवार (26 मार्च) को हुई. मध्याह्न 12 बजे अचानक जलमीनार गिर गई, जिसके नीचे महिला दब गई. घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. जिस वक्त यह हादसा हुआ, वह पानी लेने के लिए जलमीनार के पास गई थी.
पानी भरने के दौरान हुआ हादसा, दब गई सालो हांसदा
जब वह बर्तन में पानी भर रही थी, तभी जलमीनार ढहकर गिर गई और सालो हांसदा उसके नीचे दब गई. सालो हांसदा के पति मेघराई हांसदा तथा उसके बेटे दसमत हांसदा की पहले ही मौत हो चुकी है. सालो हांसदा के साथ 7 साल का पोता मेघराई हांसदा घर पर रह रहा था.
पंचायत निधि से हुआ था जलमीनार का निर्माण
जानकारी अनुसार, पूर्वी सिंहभूम में स्थित इस मंदा गांव में पंचायत निधि से कुछ साल पहले जलमीनार का निर्माण करवाया गया था. लोहे की जलमीनार में जंग लग चुकी थी. उसकी दो खूंटी पहले से टूट चुकी थी. उसकी मरम्मत नहीं करवाई गई थी. इसी जलमीनार से करीब 50 परिवारों की प्यास बुझती थी.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की वजह से गई जान : लोग बोले
श्यामपद टुडू, सकीला हेम्ब्रम, तोड़ो किस्कू, सुमिला सोरेन, पदमा लोचन बेरा व अन्य ने घटनास्थल पर जाकर शोक जताया. इन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की लापरवाही ने सालो हांसदा की जान ले ली. अगर समय पर टंकी की मरम्मत करवा दी गई होती, तो आज सालो की मौत नहीं होती.