East singhbhum news : झुग्गी-झोपड़ी में बीत गये 70 साल, आवास का सपना नहीं हुआ साकार
गालूडीह : महुलिया पंचायत के फोकटपाड़ा में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित, 20 परिवार के लोग बस और ट्रेनों में फेरी कर करते हैं गुजारा, जमीन बंदोबस्ती नहीं हुई
-:प्रभात खबर आपके द्वार:-
गालूडीह. गालूडीह की महुलिया पंचायत के फोकटपाड़ा में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें 20 गरीब परिवार 70 साल से झुग्गी-झोपड़ी में अपनी जिंदगी किसी तरह काटते मिले. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकारी आवास का सपना आजतक उनका साकार नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि सभी लोग बस और ट्रेनों में फेरी कर गुजारा करते हैं. कुछ लोग हाट-बाजार करते हैं, तो कुछ मजदूरी.कचरा फेंकने का डस्टबिन बना फोकटपाड़ा
बस्ती के लोगों ने बताया कि वे सभी 70 साल से बसे हैं, कई पीढ़ी गुजर गयी. पर आज तक उनके नाम जमीन की बंदोबस्ती नहीं हुई, नतीजतन सरकारी आवास से सभी परिवार वंचित हैं. बस्ती में नाली बजबजा रही है और शहर का कचरा फेंकने का डस्टबिन फोकटपाड़ा को बना दिया गया है. यहां के बुजुर्ग सुरेश गुप्ता समेत अन्य लोग कहते हैं हम गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई नहीं सुनता.कई विद्यार्थियों ने पढ़ाई भी छोड़ दी
यहां के लोगों ने बताया कि उनके पास राशन कार्ड है. राशन मिलता है. बिजली संयोजन भी दिया गया है. पर आवास मांगने पर जमीन का कागज सरकारी हुक्मरान मांगा जाता है. जमीन का कागज किसी के पास नहीं होने से इन परिवार के बच्चों का जाति और आवासीय प्रमाण पत्र भी नहीं बनता. जिससे बच्चे छात्रवृत्ति समेत अन्य सुविधाओं से वंचित हैं. जिससे कई विद्यार्थियों ने पढ़ाई भी छोड़ दी है.चापाकल से निकलता है गंदा पानी
लोगों ने बताया कि बस्ती में जहां चापाकल गड़ा है, उसके नीचे नाली बजबजा रही है. कभी सफाई नहीं हुई. नाली बना पर पानी निकासी का कहीं रास्ता ही नहीं है. नतीजतन चापाकल से बरसात में गंदा पानी निकलता है. हालांकि यहां के लोग सप्लाई वाला पानी पीते हैं. इतना ही नहीं फोकट पाड़ा में हर तरफ गंदगी पसरी है. कूड़ों का ढेर लगा है. यहां स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ रही है. यहां फैली गंदगी से बस्ती के लोग हमेशा बीमार पड़ते हैं. बस्ती के दर्जनों लोग रोजाना स्वास्थ्य जांच कराने अस्पताल के चक्कर काटते है. गंदगी के बीच आना जाना पड़ता है.फोकटपाड़ा के ग्रामीणों ने बयां किया अपना दर्द
बस्ती में गंदगी से मच्छर का प्रकोप अधिक है. लोग प्राय: बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. दुर्गंध के कारण रिश्तेदार भी घर नहीं आना चाहते हैं. प्रशासन को साफ-सफाई की व्यवस्था जल्द करनी चाहिए.-अनिता देवी
बस्ती में कभी साफ-सफाई नहीं हुई. इसलिए यहां के लोग गंदगी से परेशान हैं. लोगों में जागरूकता की कमी है. खुली नाली और गंदे पानी के जमाव से बदबू आती है, इसका समाधान जल्द होना चाहिए.
-विक्की गुप्ता
नाली की सफाई नियमित होने के साथ जगह-जगह कूड़ेदान की व्यवस्था होनी चाहिए. यहां के लोग दिनभर अपनी रोजीरोटी जुटाने में लगे रहते हैं, इसलिए सार्वजनिक कामों में कोई ध्यान नहीं दे पाते हैं.-मंजू देवी
बस्ती के सामने भी गंदा पानी बहता रहता है. बारिश के दिनों में समस्या और विकराल रूप धारण कर लेती है. राशन मिलता है, बिजली मिली है, तो आवास से क्यों वंचित रखा गया है.-
उषा देवी
बरसात में कूड़े का ढेर सड़कों पर फैल जाता है. कचरा सड़ने से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है. बस्ती में नालियां जाम हैं. इस कारण यहां का गंदा पानी सड़क पर फैल जाता है.-अजय गुप्ता
नियमित सफाई नहीं होने से यहां रहने वाले लोग बदबू और गंदगी में जीने के लिए मजबूर हैं. बस्ती के घरों में जल निकास, कूड़ा-करकट निपटान आदि की व्यवस्था नहीं है. जिससे परेशानी और बढ़ जाती है.-
रोशन वर्मा
अपनी जमीन नहीं रहने के कारण अबुआ आवास का लाभ नहीं मिल रहा है. कई लोगों का घर जर्जर हालात में है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.साफ-सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए.-बिट्टू वर्मा
बस्ती में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है. जलनिकास की समुचित व्यवस्था न होने से नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहता है. जिससे बस्ती में जाने आने में दिक्कतें आती हैं. आवास की बड़ी गंभीर समस्या है.
– राजा गुप्ताB
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