कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट
गालूडीह : दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में शुक्रवार को रबी फसल पर एक दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन का मुख्य विषय था जलवायु परिवर्तन एवं अनुकूल कृषि तकनिकियां. इसके बारे में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने विस्तृत जानकारियां दी. सम्मेलन में मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि अब राज्य सरकार कृषि […]
गालूडीह : दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में शुक्रवार को रबी फसल पर एक दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन का मुख्य विषय था जलवायु परिवर्तन एवं अनुकूल कृषि तकनिकियां.
इसके बारे में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने विस्तृत जानकारियां दी. सम्मेलन में मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि अब राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में अलग से बजट बनायेगी. ताकि किसानों को लाभ मिल सके.किसानों का विकास हो यह सरकार का मकसद है. देश में 87 प्रतिशत लोग कृषि पर ही निर्भर है.किसान तरक्की करेगा तो देश और राज्य तरक्की करेगा.किसान समय के अनुरूप एवं बदलते जलवायु को देखते हुए तकनीक अपनाये.पैदावार की क्षमता बढ़ाये. उन्होंने कहा इस बार बजट सत्र में कृषि पर विशेष ध्यान होगा.
कृषि पर अलग से बजट बनेगा.उन्होंने किसानों से हरित क्रांति लाने का संकल्प लेने का आह्वान भी किया.सम्मेलन को जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो, लार एवं गोद अनुसंधान संस्थान नामकुम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ जायसवाल, वाणिकी अनुसंधान संस्थान रांची के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुशांत नायक, केबीके की कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती वीणा एक्का, जेडआरएस के सह निर्देशक डॉ जिबरा टोप्पो आदि कृषि वैज्ञानिकों ने भी अपने विचार रखे. सम्मेलन में बड़ाकुर्शी की पंसस अनंता महतो,भाजपा नेता राजाराम महतो, आस्तिक महतो, संजय तिवारी समेत अनेक किसान उपस्थित थे.
कृषि वैज्ञानिकों ने दी किसानों को अहम जानकारियां. सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिक डॉ भूषण प्रसाद, डॉ आरएम मिश्रा, डी रजक, अजली मिश्रा, डॉ मनोज वर्णवाल, डॉ उदय कुमार, गोदरा मार्डी, विनोद कुमार आदि किसानों को बदलते जलवायु के अनुरूप खेती करने, कम पानी में टपक सिंचाई को अपनाने, वर्षा जल संचय करने, मिट्टी की उर्रवरा शक्ति बढ़ाने, जैविक खेती से जलवायु परिवर्त्तन संभव, व्यवसायिक सूअर पालन समेत कई अहम जानकारियां और इसकी वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी दी.
किसानों ने भी रखी कई समस्याएं. सम्मेलन में किसान डी सोरेन, यदुनाथ गोराई समेत कई किसानों ने भी कई समस्याएं रखी. प्रतिकूल परिस्थिति में खेती को कैसे बेहतर करे, क्षेत्र में कोल्ड स्टोर का नहीं होना, कृषि ऋण समय पर नहीं मिलना,सिंचाई का समुचित व्यवस्था नहीं होना,धान का समर्थन मुल्य नहीं मिलना आदि कई समस्याएं रखी गयी.