धालभूमगढ़ : द ऑल इंडिया सारना धर्म चेमेद आसड़ा कांड्रापाड़ा शाखा के तत्वावधान में संथाली कैलेंडर के नव वर्ष 10 फरवरी को सारना धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संथाली साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य शोभा नाथ बेसरा ने पंडित रघुनाथ मुर्मू और बानाव मुर्मू की तसवीर पर मार्ल्यापण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. शाखा नायके दिकु राम मार्डी ने पारंपरिक ढंग से पूजा की. सम्मेलन में सारना धर्म हित के लिए कई प्रस्ताव पारित किये गये. सारना धर्म को मान्यता के लिए सारना धर्म विधि बनाने और लागू करने, सारना कमीशन गठन करने,
फार्म में सारना कॉलम जोड़ने, झारखंड, ओडि़शा, पश्चिम बंगाल को विशेष राज्य का दर्जा देने, जाहेर थान की सुरक्षा करने, सारना अनुवायी आदिवासियों को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों को मान्यता देने, सारना आदिवासी शासन प्रणाली, मानकी मुंडा, माझी, परगना, पाड़हा परगना, महतो परगना आदि को मान्यता देने, सारना धर्म के नाम पहाड़ों, जंगलों का नामकरण करने के साथ 19 प्रस्ताव पारित किया गया. सम्मेलन में झारखंड, ओडि़शा और पश्चिम बंगाल के सारना अनुवायी शामिल हुए. सम्मेलन को सफल बनाने में भीम मुर्मू, दासमात हांसदा, मंगल हेंब्रम, निताई मुर्मू, संजय मार्डी, भागात मार्डी, राजेश मार्डी, सिमाल मुर्मू, बाली हेंब्रम, कुइयो मार्डी, हीरा मार्डी, फुलमनी मुर्मू, बाहा हेंब्रम ने अहम भूमिका अदा की.