ट्रेन से उतारकर पीटा

गालूडीह : गालूडीह थाना क्षेत्र के हेंदलजुड़ी से 24 जनवरी को अपहृत बेचाराम नमाता उर्फ बोडो नमाता (45) 18 दिन बाद बुधवार की रात घर लौटा. इससे उनकी पत्नी सावित्री नमाता और पुत्र अमित नमाता समेत अन्य परिजनों और ग्रामीणों को राहत मिली. सावित्री ने अपने पति के अपहरण का आरोप निमाई दास समेत तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2016 6:02 AM

गालूडीह : गालूडीह थाना क्षेत्र के हेंदलजुड़ी से 24 जनवरी को अपहृत बेचाराम नमाता उर्फ बोडो नमाता (45) 18 दिन बाद बुधवार की रात घर लौटा. इससे उनकी पत्नी सावित्री नमाता और पुत्र अमित नमाता समेत अन्य परिजनों और ग्रामीणों को राहत मिली. सावित्री ने अपने पति के अपहरण का आरोप निमाई दास समेत तीन लोगों पर लगाते हुए थाना से शिकायत की थी. पुलिस तब से जांच में जुटी थी. बुधवार को बेचाराम के घर पहुंचने पर परिजनों ने इसकी सूचना थाना को दी.

बेचा राम के शरीर के कई हिस्से में है चोट के निशान
बेचाराम के पांव, हाथ समेत शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान है. उन्होंने बताया कि गांव के निमाई दास और उसकी नतनी के साथ वह भी 24 जनवरी को यहां से गालूडीह गया. फिर वहां से घाटशिला.
घाटशिला के ट्रेन से बनारस गया. ट्रेन में चाय पिलाने से मैं बेसुध हो गया. वहां पांच-छह अज्ञात लोगों ने मुझे ट्रेन से उतार कर पीटा और कपड़े फाड़ दिये. इसके बाद से वह बनारस में भटकता रहा. बनारस में ही निमाई दास और उसकी नतनी उससे अलग हो गये. एक व्यक्ति ने उसे जैकेट और कपड़े दिये और ट्रेन पर बैठा दिया. वह ट्रेन से दूसरे जगह चला गया.

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