संस्कृति को बचायें आदिवासी युवा
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बहरागोड़ा. दिशुआ जाहेरगाड़ में बाहा बोंगा पूजा, चंपई सोरेन ने कहा
संस्कृति को बचायें आदिवासी युवा बहरागोड़ा : बहरागोड़ा के दिशुआ जाहेरगाड़ में रविवार की शाम बाहा बोंगा पूजा की गयी. मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व कल्याण मंत्री सह विधायक चंपई सोरेन ने कहा कि समाज के महापुरुषों की बलिदान है झारखंडी संस्कृति. झारखंड राज्य अलग होने के बाद से आदिवासी अपनी संस्कृति और परंपरा बचाने […]
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा के दिशुआ जाहेरगाड़ में रविवार की शाम बाहा बोंगा पूजा की गयी. मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व कल्याण मंत्री सह विधायक चंपई सोरेन ने कहा कि समाज के महापुरुषों की बलिदान है झारखंडी संस्कृति. झारखंड राज्य अलग होने के बाद से आदिवासी अपनी संस्कृति और परंपरा बचाने में कायम हैं. आज का युवा वर्ग अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे बढ़े. हमारी संस्कृति से जो खिलवाड़ करेगा उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.
जल, जंगल और जमीन की रक्षा करें: कुणाल
विशिष्ठ अतिथि विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बाहा का अर्थ फूल है. जीवन में फूल का काफी महत्व है. यह धर्म प्राकृतिक के साथ जुड़ा है. इस युग की आंधी में युवा अपनी परंपरा को बचाये रखें. आज की युवा पीढ़ी को जल, जंगल और जमीन की रक्षा का संकल्प लेना है. विधायक ने कहा कि आज कई प्रकार की शक्तियां हमारी परंपरा व संस्कृति को तोड़ने में लगी हैं. हम सभी को एकजुट होकर इसका जवाब देना है. इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने भी संबोधित किया.
मौके पर जिपा परिषद सदस्य हिरामुनी मुर्मू, अर्जुन पूर्ति, सत्यवान नायक, शिव चरण हांसदा, महावीर मुर्मू, आदित्य प्रधान, असित मिश्रा, निर्मल दूबे आदि ने अतिथियों के साथ मांदर और धमसा बजाया.
मौके पर सीपीएम नेता स्वपन महतो भी उपस्थित थे. पूजा को सफल बनाने में गुरू चरण मुर्मू, प्रमुख शास्त्री हेंब्रम, गुरू चरण मांडी, ललित मांडी, दुर्गा प्रसाद हांसदा, रवी चंद मांडी, परमेश्वर हेंब्रम, शीतल हेंब्रम आदि ने अहम भूमिका निभायी.
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