छोटाकुर्शी में पूर्वांचल आदिवासी कुड़मी अंचल कमेटी के बैनर तले हुई बैठक
कुड़मी हिंदू नहीं, सरना हैं गालूडीह : कुड़मी हिंदू नहीं, सरना धर्म मानते हैं. कुड़मी आर्य नहीं अनार्य हैं. सरकार कुड़मियों को हिंदू मानती है. हमारी संस्कृति, परंपरा, धर्म व भाषा अलग है. कुड़मी आदिवासी थे, हैं और रहेंगे. सरकारी लापरवाही से आज कुड़मी समाज उपेक्षा का दंश झेल रहा है. समाज अब लड़ कर […]
कुड़मी हिंदू नहीं, सरना हैं
गालूडीह : कुड़मी हिंदू नहीं, सरना धर्म मानते हैं. कुड़मी आर्य नहीं अनार्य हैं. सरकार कुड़मियों को हिंदू मानती है. हमारी संस्कृति, परंपरा, धर्म व भाषा अलग है. कुड़मी आदिवासी थे, हैं और रहेंगे. सरकारी लापरवाही से आज कुड़मी समाज उपेक्षा का दंश झेल रहा है. समाज अब लड़ कर अपना अधिकार लेगा. उक्त बातें पूर्वांचल आदिवासी कुड़मी अंचल कमेटी के बैनर तले आयोजित बैठक में विकास महतो ने कहीं. रविवार को गालूडीह थानांतर्गत बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित छोटाकुर्शी में समाज की बैठक ग्राम प्रधान पितवास महतो की अध्यक्षता में हुई.
बैठक में कुड़मी की जाति सत्ता, संस्कृति, भाषा व परंपरा पर विस्तृत चर्चा हुई. कहा गया कि सरकार जल्द 18-20 बिंदुओं पर सर्वे करायेगी. इसके बाद अगला कदम उठाने को आश्वस्त किया है.
बैठक में चाकुलिया के विकास महतो, गालूडीह के मनोरंजन महतो, बाबलू महतो, निरंजन महतो, ग्राम प्रधान जन्मजय महतो अनिल कुमार महतो आदि ने विचार रखे.
संस्कृति-परंपरा बचाने का संकल्प
बैठक में कुड़मी समाज की परंपरा और संस्कृति को बचाये रखने का संकल्प लिया गया. बैठक का संचालन मनोरंजन महतो ने किया. बैठक में डॉ अनिल महतो, मंटू महतो, बाबलू महतो, बादल महतो, काशीनाथ महतो, संजीत महतो, शंकर महतो, रतन महतो, गोपाल महतो, विश्वजीत महतो समेत समाज के अनेक पुरुष और महिला उपस्थित थे.