महिलाएं अबला नहीं, सबला के रूप में आगे आयें : आभा

गालूडीह : पुरुष सत्तात्मक परिवार में महिलाओं की पहचान पति या पिता से होता है. महिला कांग्रेस से जुड़कर राज्य भर की अनेक महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं. महिलाएं अबला नहीं, सबला के रूप में आगे आयें. महिलाएं जितनी काम करती हैं, उतना पुरुष नहीं करतें. उक्त बातें मंगलवार को कांग्रेस महिला मोरचा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 6:35 AM

गालूडीह : पुरुष सत्तात्मक परिवार में महिलाओं की पहचान पति या पिता से होता है. महिला कांग्रेस से जुड़कर राज्य भर की अनेक महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं. महिलाएं अबला नहीं, सबला के रूप में आगे आयें. महिलाएं जितनी काम करती हैं, उतना पुरुष नहीं करतें. उक्त बातें मंगलवार को कांग्रेस महिला मोरचा की प्रदेश अध्यक्ष आभा सिन्हा ने गालूडीह रिसोर्ट में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं. महिला कांग्रेस चाहती है इस विस से प्रदीप कुमार बलमुचु विस चुनाव लड़े. इस बार विस चुनाव में कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था. हम 33 प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं. राज्य में कम से कम 17 महिलाओं को टिकट मिलना चाहिए.

पंचायत चुनाव में महिलाओं ने घर की देहुरी लांघी : आभा सिन्हा ने कहा कि पंचायत चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण मिलने से महिलाए घर की देहुरी लांघ बाहर निकली और आज पंचायत चला रही हैं. महिला मुखिया, जिप अध्यक्ष, पंसस बनकर अपनी पहचान बनायी. राज्य के 24 में से 23 जिलों में कांग्रेस महिला मोरचा की जिलाध्यक्ष वर्तमान में हैं. महिलाएं जागरूक हुई हैं. राज्य में 110 की कमेटी पदाधिकारी महिलाओं की है. महिला कांग्रेस का काम तोड़ना नहीं जोड़ना है. राजनीति के साथ महिला कांग्रेस महिलाओं की स्वयं सहायता समूह बनाकर स्वरोजगार से भी जोड़ रही है. मौके पर महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष गुंजन सिंह, पूर्वी सिंहभूम कि जिलाध्यक्ष रेणु वाला महतो और सरिता सिंह, मानस दास भी उपस्थित थे.

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