नरवा व गांडेडुंगरी को खिताब

वाइवाइसी जादूगोड़ा का डॉ भीमराव आंबेडकर फुटबॉल टूर्नामेंट 2013 जादूगोड़ा : युवा यूथ क्लब, जादूगोड़ा द्वारा यूसिल जादूगोड़ा विद्यालय मैदान मेंआयोजित तीन दिवसीय डॉ भीमराव फुटबॉल टूर्नामेंट 2013 का मंगलवार को सिंह बाजे की गूंज व छॉपल-छॉपल चियर गल्र्स की नृत्य के बीच खेला गया. पुरुष वर्ग के फाइनल मैच में नरवा इलेवन ए ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2014 6:28 AM

वाइवाइसी जादूगोड़ा का डॉ भीमराव आंबेडकर फुटबॉल टूर्नामेंट 2013

जादूगोड़ा : युवा यूथ क्लब, जादूगोड़ा द्वारा यूसिल जादूगोड़ा विद्यालय मैदान मेंआयोजित तीन दिवसीय डॉ भीमराव फुटबॉल टूर्नामेंट 2013 का मंगलवार को सिंह बाजे की गूंज व छॉपल-छॉपल चियर गल्र्स की नृत्य के बीच खेला गया.

पुरुष वर्ग के फाइनल मैच में नरवा इलेवन ए ने नरवा इलेवन बी को 1-0 से पछाड़ कर खिताब पर कब्जा जमा लिया. वहीं तीसरे स्थान के लिए खेले गये मैच में एएफए चाटीकोचा ने कतार इलेवन को प्लेंटी शॉट में 5-3 से हराया.

इसी मैदान में मंगलवार को ही आयोजित एक दिवसीय डॉ भीम राव महिला फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल मैच में गांडेडुंगरी ने सारजामदा की टीम को प्लेंटी शॉट में 5-3 से हराकर विजेता टीम होने का गौरव प्राप्त किया.

मैच समाप्ति के उपरांत आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पीके नायक (यूसिल के सीएसआर प्रभारी सह सहायक प्रबंधक,खान) व विशिष्ट अतिथि एसएन टुडू (झारखंड रेफरी एसोशिएसन) के हाथों महिला व पुरुष वर्ग के विजेता-उपविजेता टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.

महिला वर्ग के विजेता टीम को पांच हजार नगद, तो उपविजेता को चार हजार नगद समेत टॉफी देकर, तो पुरुष वर्ग के विजेता टीम को 50 हजार नगद तथा उपविजेता को 35 हजार नगद समेत टॉफी देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा पुरुष वर्ग में तीसरे स्थान पाने वाले टीम को 20 हजार नगद व चौथे स्थान पर रहने वाले टीम को 10 हजार नगद का इनाम देकर सम्मानित किया गया.

पुरुष वर्ग में मैन ऑफ द मैच का लाल मोहन को, मैन ऑफ द सीरीज का रामचंद्र मुमरू को, वेस्ट डिफेंडर के लिए बाबूलाल को, सर्वाधिक गोल दागने के लिए सुशील को (सभी खिलाड़ी नरवा इलेवन ए के) तो वेस्ट गोलकीपर का पुरस्कार नरवा इलेवन बी के डाकू सिंह को दिया गया.

इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में अनुभवी रेफरियों के दल के सदस्यों के अलावा क्लब के जीतू करुवा, मुनीराम टुडू, गणोश पात्रो, राहूल माझी, बंगाल माझी, शिव करु वा, अमित भकत, माखन माझी, दासो हैंब्रम, पांडव हांसदा, दिगंबर माझी व नरसिंह हो का सराहनीय योगदान रहा.

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