मुटूरखाम : 2200 एकड़ खेत परती
बहरागोड़ा: बारिश कम होने के कारण किसान चिंतित बहरागोड़ा : बहरागोड़ा की मुटूरखाम पंचायत में अल्प वृष्टि के कारण अबतक धान की रोपनी शुरू नहीं हुई है. 2200 एकड़ खेत परती पड़े हैं. निराश किसान खेतों में तैयार धान का चारा मवेशी चर रहे हैं. पंचायत में सिंचाई की सुविधा नहीं है. . किसान मॉनसून […]
बहरागोड़ा: बारिश कम होने के कारण किसान चिंतित
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा की मुटूरखाम पंचायत में अल्प वृष्टि के कारण अबतक धान की रोपनी शुरू नहीं हुई है. 2200 एकड़ खेत परती पड़े हैं. निराश किसान खेतों में तैयार धान का चारा मवेशी चर रहे हैं. पंचायत में सिंचाई की सुविधा नहीं है. . किसान मॉनसून पर आश्रित हैं. खेती कार्य नहीं होने से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. किसान वैधनाथ सोरेन, रामचंद्र हेंब्रम, साकला हेंब्रम, गोसाई हेंब्रम, जीतेंद्र हेंब्रम, दुलाराम हेंब्रम, बलराम मुर्मू, आदि ने कहा कि धान की रोपनी शुरू ही नहीं हुई. किसान पलायन करने को बाध्य हैं.
60 साल बाद सूखा बेड़ा :पंचायत के बोदाहीचा मौजा का बेड़ा (धानी एक) भी इस साल सूख गया है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह बेड़ा कभी नहीं सूखता है. इससे लगभग 100 बीघा खेती होती थी. गांव नीचे हिस्से में होने से यहां पर पानी जमा हो जाता था. यहां से नाली बना कर किसान अपने खेत तक पानी पहुंचाते थे. 60 साल बाद यह बेड़ा पूरी तरह सूख चुका है.
बरसात सही समय पर नहीं होने से मुटुरखाम, बोदाहीचा, जड़ाबनी, जामरिहा, शियालबंदा, कंदर, जाड़ापाल और गोबराबनी गांव में स्थति काफी भयावह है.
– शास्त्री हेंब्रम, प्रमुख, बहरागोड़ा.