सांप्रदायिक सदभाव और मानवता ही है भारत की शक्ति

शांति और मानवता मंच की विचार गोष्ठी घाटशिला : मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में रविवार को समाजसेवी सत्य नारायण जैन की अध्यक्षता में शांति और मानवता मंच के तत्वावधान में शांति और मानवता पर आयोजित विचार गोष्ठी में घाटशिला कॉलेज के सेवानिवृत इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो मित्रेश्वर ने कहा कि सांप्रदायिक शांति, सदभाव और मानवता ही भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 5:49 AM

शांति और मानवता मंच की विचार गोष्ठी

घाटशिला : मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में रविवार को समाजसेवी सत्य नारायण जैन की अध्यक्षता में शांति और मानवता मंच के तत्वावधान में शांति और मानवता पर आयोजित विचार गोष्ठी में घाटशिला कॉलेज के सेवानिवृत इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो मित्रेश्वर ने कहा कि सांप्रदायिक शांति, सदभाव और मानवता ही भारत की शक्ति है. मंच जम्हूरियत, इंसानियत और
हिंदुस्तानियत का संदेश देता है. भारतीय समाज मिश्रित समाज है. सांप्रदायिक सौहार्द्र विभिन्न संप्रदायों के साथ बनाये रखना ही मंच का उद्देश्य है. कील जब चुभती है तो दर्द होती है. ऐसी शांति की जरूरत नहीं है. मुर्दा अगर शांति चाहता है तो उसे मर जाने में ही भलाई है. नेता और प्रशासन गलत करते रहें और हम शांत रहे. ऐसी शांति की कामना नहीं करनी चाहिए. आज समाज में दूरी उत्पन्न हुई है. यह असहिष्णुता है.
आदमी का आदमी से प्यार न हो. वह किसी के सुख- दुख में काम नहीं आये. ऐसी मानवता किस काम की है. सेवानिवृत्त शिक्षक बीएन पांडेय ने कहा कि बहेलियों से बच कर रहा जाय. हर आदमी आज एमपी, एमएलए बनने की लालसा रखता है. कोई फौज में जाना नहीं चाहता है. सभी को आपसी सदभाव बनाये रखने की जरूरत है.
मोहब्बत दलील की मोहताज नहीं होती
जमाइते इस्लामी हिंद जमशेदपुर के अहमद रिजाय ने कहा कि मोहब्बत दलील की मोहताज नहीं होती है. शहर से लेकर गांव तक के नागरिक शांति चाहते हैं. समाज को बुद्धिजीवी बनाते हैं और बिगाड़ते हैं. सियासत तो बाद की चीज है. समाज जब टूटता है तो इसका असर बुद्धिजीवियों पर अधिक पड़ता है. आज समाज से मानवता खत्म हो रही है. इसलिए मंच शांति और मानवता की बात करता है. अध्यक्षीय भाषण एसएन जैन ने दिया. संचालन नेयाज अहमद ने किया. मौके पर सुबोध कुमार सिंह, राम प्रवेश सिंह, शफक इकबाल, तारिक हैदर, मो सदरूद्दीन, मो कमरूद्दीन आदि उपस्थित थे.

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