बहरागोड़ा : किनारे पर पत्थर खनन से मुड़ रही सुवर्णरेखा
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा में जामशोला के पास डोमजुड़ी पंचायत के नटियापाल मौजा के पास ओड़िशा सीमा में सुवर्णरेखा नदी का किनारा वृक्षों से सुरक्षित है. वहीं नटियापाल के पास नदी के किनारे 30-40 फीट की दूरी पर पत्थर खनन से नदी का किनारा असुरक्षित होता जा रहा है. सुवर्णरेखा की धार मुड़ रही है. इससे […]
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा में जामशोला के पास डोमजुड़ी पंचायत के नटियापाल मौजा के पास ओड़िशा सीमा में सुवर्णरेखा नदी का किनारा वृक्षों से सुरक्षित है. वहीं नटियापाल के पास नदी के किनारे 30-40 फीट की दूरी पर पत्थर खनन से नदी का किनारा असुरक्षित होता जा रहा है. सुवर्णरेखा की धार मुड़ रही है. इससे कई गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. जामशोला और नटियापाल के बीच नदी की धार कच्ची सड़क के करीब पहुंच गयी है.
ज्ञात हो कि नटियापाल के पास नदी के किनारे वैध और अवैध तरीके से कई वर्षों से खनन हो रहा है. नदी किनारे पर खनन के कारण 30-40 फूट दर्जनों गड्ढे बन गये हैं. कई साल पूर्व पत्थर खनन से उभरे बड़े-बड़े गड्ढों को खनन की शर्तों के मुताबिक मिट्टी से भरे नहीं गये और पौधरोपण नहीं किया गया. पिछले 27 अगस्त को अनुमंडलाधिकारी संतोष कुमार गर्ग और एसडीपीओ संजीव कुमार बेसरा ने नदी के किनारे स्थित उक्त स्थल से क्वार्ट्ज पत्थरों से लदा ट्रक और खनन करती जेसीबी जब्त कर थाना को सौंपा.
आज तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यहां पर बड़े पैमाने पर हुआ क्वार्ट्ज का खनन वैध है या अवैध. जब्त ट्रक व जेसीबी थाना में पड़ी है. अनुमंडलाधिकारी के आदेश के बावजूद अंचलाधिकारी ने स्थल जांच कर रिपोर्ट नहीं सौंपी है. नदी के किनारे स्थित क्षेत्र में एक बड़े भूभाग पर पत्थरों के खनन से नदी का किनारा असुरक्षित हो गया है. वहीं दक्षिण में ओड़िशा स्थित नदी के किनारे भारी संख्या में विभिन्न प्रजाति के वृक्ष लहलहा रहे हैं.
ओड़िशा में पौधरोपण से सुरक्षित है सुवर्णरेखा का किनारा
नटियापाल के पास सुवर्णरेखा की धार मुड़ने से कई गांवों पर बाढ़ का खतरा