पुलिस के डर से गांव छोड़ भागे, चाहते हैं समझौता

माझी परगना महाल के सदस्य पहुंचे पारूलडांगा टोला तीन घंटा बाद टोला पहुंची पांच महिलाएं, महाल के सदस्यों ने तिथि तय कर बैठक करने को कहा चाकुलिया : बीते दो अक्तूबर को चाकुलिया के ढेंगाम गांव स्थित पारूलडांगा टोला में डायन बताकर जमुना सोरेन और उसकी पुत्री सुगी सोरेन की पिटाई मामले में बुधवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2016 7:05 AM

माझी परगना महाल के सदस्य पहुंचे पारूलडांगा टोला

तीन घंटा बाद टोला पहुंची पांच महिलाएं,
महाल के सदस्यों ने तिथि तय कर बैठक करने को कहा
चाकुलिया : बीते दो अक्तूबर को चाकुलिया के ढेंगाम गांव स्थित पारूलडांगा टोला में डायन बताकर जमुना सोरेन और उसकी पुत्री सुगी सोरेन की पिटाई मामले में बुधवार को माझी परगना महाल देश विचार सचिव बहादुर सोरेन, महासचिव सुधीर सोरेन, जिला सचिव सुकलाल हांसदा, सह कोषाध्यक्ष लुगू हांसदा, अशोक चौधरी टोला में पहुंचे. महाल के सदस्य जब टोला में पहुंचे, तो एक भी ग्रामीण मौजूद नहीं थे. तीन घंटे इंतजार के बाद एक वृद्धा मिली.
महाल के सदस्यों ने वृद्धा से बात कर ग्रामीणों को बुलाने की बात कही. वृद्धा गांव से बाहर जाकर इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. इसके बाद पांच महिलाएं टोला पहुंची और महाल के सदस्यों के साथ बात की. महिलाओं ने कहा कि वे सभी पुलिस के डर से गांव से बाहर रह रहे हैं. वे सभी समझौता करना चाहते हैं. माझी परगना महाल के साथ ग्रामीण बैठक कर आपसी विवाद को समाप्त करना चाहती हैं. महाल के सदस्यों ने महिलाओं से कहा कि ग्रामीण संगठित होकर एक तिथि तय करें और उन्हें सूचित करें. उक्त दिन बैठक कर समझौता करने का प्रयास किया जायेगा. ज्ञात हो कि सुगी सोरेन के बयान पर टोला के 23 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है.
समाज में जागरुकता की कमी है. आज भी लोग डायन प्रथा पर विश्वास रखते हैं. माझी परगना महाल की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जायेगा.
– बहादुर सोरेन, देश विचार सचिव, माझी परगना महाल

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