बैंक को लगाया 1.8 करोड़ रुपये का चूना
वाहन लोन लेने के नाम पर हेराफेरी मुसाबनी : कागजात की हेराफेरी कर बैंक ऑफ इंडिया की मुसाबनी शाखा से एक करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. यह ठगी कई डंपरों समेत 13-14 गाड़ियां फाइनांस कराने के नाम पर की गयी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी […]
वाहन लोन लेने के नाम पर हेराफेरी
मुसाबनी : कागजात की हेराफेरी कर बैंक ऑफ इंडिया की मुसाबनी शाखा से एक करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. यह ठगी कई डंपरों समेत 13-14 गाड़ियां फाइनांस कराने के नाम पर की गयी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी हैं कि दीपक भट्टाचार्य नामक व्यक्ति ने इसी तरह से घाटशिला, गालूडीह एवं जादूगोड़ा में भी ठगी की है. मामला प्रकाश में आने के बाद दीपक भट्टाचार्य पूरे परिवा समेत सुरदा छोड़ कर भाग गया है.
बैंक ऑफ इंडिया मुसाबनी शाखा के प्रबंधक देवाशीष घोष ने मुसाबनी थाने में सुरदा निवासी दीपक भट्टाचार्य, उसकी पत्नी श्यामली भट्टाचार्य, भाई कमल भट्टाचार्य, पुत्र अरनव भट्टाचार्य, प्रणव भट्टाचार्य, भाई प्रवीर भट्टाचार्य, अमर भट्टाचार्य के विरुद्ध कई धाराओं के तहत मामला दर्ज (थाना कांड संख्या 13/2014) कराया है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि बैंक से 1.80 करोड़ रुपये गैर कानूनी तरीके से गबन की गयी है. आरोपी ने अपने लाभ के लिए बैंक को नुकसान पहुंचाया है.
कैसे की गयी हेराफेरी
पुलिस के अनुसार दीपक भट्टाचार्य ने अपने एवं अपने परिवार के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया मुसाबनी शाखा में वाहन फाइनांस कराने का आवेदन दिया. जिस समय यह लोन स्वीकृत की गयी उस वक्त यहां के शाखा प्रबंधक माखन लाल टुडू और बिरसा टोप्पो थे. आवेदन में टाटा इंडिगो, भारत बैंज डंपर, टाटा डंपर, बोलेरो समेत करीब 13-14 वाहनों के लिए बैंक से फाइनांस करने को कहा गया थ़ख. इसके लिए उसने लोन से संबंधित कागजात जमा किये.
बैंक द्वारा दीपक भट्टाचार्य एवं उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर एजेंसी के लिए डीडी, डीओ बनाये गये. डीडी और डीओ गाड़ी देने वाली एजेंसी को देने के स्थान पर दीपक भट्टाचार्य को दे दिया. दीपक भट्टाचार्य ने डीडी की राशि अपने खाते में फर्जी कागजात प्रस्तुत कर स्थानांतरित करा ली. एक करोड़ 80 लाख कैश कराने के बाद दीपक भट्टाचार्य ने दूसरी एजेंसी से फोटो कॉपी बनवाकर 13-14 गाड़ियां फाइनांस करा ली. फरजी कागजात के बल पर परिवहन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन भी करा लिया. बैंक को झांसा देने के लिए उसने कुछ गाड़ियों के नंबर प्लेट पर बैंक से लोन प्राप्त भी लिखाया. बीओआइ मुसाबनी शाखा के प्रबंधक बैंक से फाइनांस की गयी रकम की वसूली करने गये, तो मामले का भंडाफोड़ हुआ.
वाहनों का फाइनांस बीओआइ शाखा के स्थान पर दूसरी प्राइवेट एजेंसी से करायी गयी है, जिसके बाद मामला दर्ज कराया गया. मामले की जांच मुसाबनी थाना प्रभारी आरसी पाल स्वयं कर रहे हैं. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि दीपक भट्टाचार्य ने अधिकतर डंपरों को पश्चिम बंगाल एवं ओड़िशा पहुंचा दिया है.
– दीपक भट्टाचार्य समेत पूरे परिवार पर दर्ज कराया गया मामला
– परिवार समेत दीपक सुरदा छोड़ हुआ फरार
– पुलिस ने मामले की शुरू की जांच
– अपने डंपर पहले ही पश्चिम बंगाल और ओड़िशा शिफ्ट कर चुका है आरोपी
– घाटशिला, गालूडीह जादूगोड़ा में भी कर चुका है फर्जीवाड़ा