देश को बाहरी नहीं, आंतरिक दुश्मनों से खतरा : डीआइजी

चाईबासा : देश को बाहरी से अधिक आंतरिक दुश्मनों से खतरा है. समाज से भटके लोग नक्सली संगठन से मिलकर अपने लोगों का खून बहा रहे हैं. सरकार इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है. पिछले दिनों नौ नक्सलियों का सरेंडर इसी का एक प्रयास है. उक्त बातें डीआइजी शंभु ठाकुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2016 12:31 AM

चाईबासा : देश को बाहरी से अधिक आंतरिक दुश्मनों से खतरा है. समाज से भटके लोग नक्सली संगठन से मिलकर अपने लोगों का खून बहा रहे हैं. सरकार इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है. पिछले दिनों नौ नक्सलियों का सरेंडर इसी का एक प्रयास है. उक्त बातें डीआइजी शंभु ठाकुर ने कहीं. वे शुक्रवार को पुलिस लाइन में राष्ट्रीय पुलिस शहीद दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. बताया कि एक सितंबर 2015 से 31 अगस्त 2016 तक 473 कर्मचारियों ने देशसेवा में अपने प्राणों की आहूति दी है. इसमें झारखंड से सात वीर शामिल हैं. मौके पर एसपी डॉ माइकल राज एस, डीएसपी प्रकाश सोय, इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार महतो, सर्जेंट मेजर राजेंद्र प्रसाद, सदर थाना प्रभारी अनिल सिंह, मुफ्फसिल थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह, पंड्राशाली ओपी प्रभारी नितिन सिंह आदि उपस्थित थे.

राज्य गठन के बाद पश्चिम सिंहभूम से 47 जवान शहीद. झारखंड बनने के बाद पश्चिम सिंहभूम में कार्य करते हुए 47 जवान शहीद हुए हैं. नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले सात में से पांच जवान लालसिंह हाईबुरू, श्याम चरण दोंगो, गोनो अंगरिया, सालुका हाईबुरू, दामु तियु के परिवार वालों को शुक्रवार को पांच हजार की राशि भेंटकर सम्मानित किया गया. इस दौरान शहीद जवान श्याम चरण दोंगो की 90 साल की बूढ़ी मां उपस्थित रहीं. उन्हें पुलिस के जवान गोद में उठाकर कार्यक्रम स्थल तक लाये. इसके पूर्व शहीद स्मरण दिवस पर पुलिस लाइन में डीआइजी, एसपी समेत तमाम जवान ने अमर जवान स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. पुलिस जवानों ने सिर व शस्त्र झुकाकर शहीद साथियों को श्रद्धांजलि दी. शहीदों के गांव में जाकर दिया विशेष सम्मान. जिले के शहीदों को विशेष सम्मान देने के उनके गांव एक-एक पुलिस अफसर को भेजा गया. पदाधिकारियों ने शहीदों वीरों के स्कूल में जाकर शहीद सभा की. स्कूलों में शहीदों की तसवीर लगायी गयी. बच्चों को शहीदों के जीवन के बारे में बताया गया.

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