प्रति माह 160 मीट्रिक टन कैथोड का उत्पादन होगा
आइसीसी के टैंक हाउस में आइएसए पद्धति से उत्पादन शुरू टैंक हाउस के दो सेक्शन चालू होने से मजदूरों में हर्ष, फिर से मिलेगा रोजगार घाटशिला : मऊभंडार आइसीसी कारखाना के टैंक हाउस स्थित दो सेक्शन में सोमवार से इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ऑटोमेशन पद्धति से उत्पादन शुरू हुआ. टैंक हाउस के दो सेक्शन में उत्पादन […]
आइसीसी के टैंक हाउस में आइएसए पद्धति से उत्पादन शुरू
टैंक हाउस के दो सेक्शन चालू होने से मजदूरों में हर्ष, फिर से मिलेगा रोजगार
घाटशिला : मऊभंडार आइसीसी कारखाना के टैंक हाउस स्थित दो सेक्शन में सोमवार से इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ऑटोमेशन पद्धति से उत्पादन शुरू हुआ. टैंक हाउस के दो सेक्शन में उत्पादन शुरू होने से मजदूरों ने राहत की सांस ली है. सूत्रों का कहना है कि दो सेक्शन में हर माह 160 मैट्रिक टन कैथोड का उत्पादन होगा.
एक जनवरी को टैंक हाउस बंद हो गया था
विदित हो कि आइसीसी का टैंक हाउस एक जनवरी 2017 को बंद हो गया था. आइसीसी के स्मेल्टर में उत्पादन चालू रहने के बावजूद टैंक हाउस का उत्पादन बंद हो गया था. यह कारखाना के लिए चिंता का विषय था. मजदूरों के समक्ष रोजी- रोटी की आफत आ गयी थी.
महासचिव ने उठाया था सीएमडी के सामने मामला
आइसीसी वर्कर्स यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह ने एचसीएल/आइसीसी के कार्यपालक निदेशक केडी दीवान के समक्ष टैंक हाउस का मामला उठाया था. सीएमडी 30 दिसंबर को आइसीसी के दौरे पर आये थे. उन्होंने दौरे के क्रम में आश्वासन दिया था कि टैंक हाउस को फिर से शुरू किया जा सकता है, यदि प्लांट कार्य क्षमता बढ़ा कर उत्पादन किया जाय.
डीजीएम वर्क्स के प्रयास से शुरू हुआ टैंक हाउस
आइसीसी कारखाना के डीजीएम वर्क्स संजय कुमार सिंह के प्रयास से टैंक हाउस में आइएसए पद्धति से दो सेक्शनों में उत्पादन शुरू किया गया है. इसमें स्टेनलेस स्टील के मदर ब्लैंक का इस्तेमाल होता है. कैथोड के उत्पादन के लिए नयी यूनिट गुजरात कॉपर प्रोजेक्ट का उत्पादन इसी प्रक्रिया से होता है. यही कारण है कि आइसीसी के टैंक हाउस (रिफाइनरी) का उत्पादन इसी प्रक्रिया से करने की योजना है. इसकी शुरुआत सोमवार से हो चुकी है. डीजीएम श्री सिंह ने कहा कि आइसीसी में उत्पादित कैथोड की क्वालिटी बेहतर है. उन्होंने कहा कि यह छोटा सा ट्रायल है. आने वाले दिनों में और भी बेहतर करने का प्रयास किया जायेगा.