काड़ाडुबा में दस दिनों से जलापूर्ति ठप, आक्रोश

दस दिनों से केवल टेस्ट कर रहे हैं मिस्त्री गांव की जनसंख्या 9,77,194 घरों को दिया गया है संयोजन घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की काड़ाडुबा पंचायत में लगभग 45 लाख की लागत से बनी नीर निर्मल परियोजना तथा ग्रामीण जलापूर्ति से बनी जलमीनार ग्रामीणों के सफल होगी या विफल यह तो समय ही बतायेगा. अभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 6:24 AM

दस दिनों से केवल टेस्ट कर रहे हैं मिस्त्री

गांव की जनसंख्या 9,77,194 घरों को दिया गया है संयोजन
घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की काड़ाडुबा पंचायत में लगभग 45 लाख की लागत से बनी नीर निर्मल परियोजना तथा ग्रामीण जलापूर्ति से बनी जलमीनार ग्रामीणों के सफल होगी या विफल यह तो समय ही बतायेगा. अभी इस योजना का परीक्षण जारी है. परीक्षण के कारण दस दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है. 29 जनवरी को ग्रामीणों ने बैठक कर जल सहिया तथा मुखिया को ज्ञापन सौंप कर कहा कि अगर पेयजल की आपूर्ति नियमित समय पर करें,नहीं तो पेयजल संयोजन विच्छेद करे. घर-घर संयोजन के नाम पर ली गयी राशि वापस कर दो. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए जल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी
, संवेदक, मुखिया तथा जल सहिया ने इस मामले में पहल शुरू कर दी है. सोमवार को लॉरेंज कंपनी के विभागीय पदाधिकारी और मिस्त्री ने जाकर दो जगह पर डीप बोरिंग लगे हेड को बदला. साकेत कुमार ने बताया कि दोनों डीप बोरिंग में हेड की खराबी से पेयजल की आपूर्ति समुचित रूप से नहीं हो रही है. दोनों हेड को बदल कर उससे अधिक क्षमता के लगाये गये हैं. अब समुचित मात्रा में पेयजल आपूर्ति होगी. जलमीनार की क्षमता 40 हजार लीटर की है. इस गांव की जनसंख्या 977 है. गांव में 194 घर हैं. पेयजल आपूर्ति जरूरी है. जल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता महेंद्र बैठा ने दूरभाष पर बताया कि संवेदक को जलमीनार से संबंधित सभी कार्य को पूरा करने का आदेश दिया गया है. ताकि लोगों को समुचित मात्रा में पानी मिल सके. मुखिया माही हांसदा ने दूरभाष पर बताया कि तकनीकी खराबी अगर होगी तो इसमें मुखिया और जल सहिया क्या कर सकती हैं. यह तो विभाग का काम है. विभाग तकनीकी खराबी को दूर करे.

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