घाटशिला : घाटशिला व आसपास के क्षेत्र में मीट बेचने पर रोक लग गयी है. इससे संबंधित कारोबारियों ने तीन अप्रैल को अनुमंडलाधिकारी सुशांत गौरव से लाइसेंस देने के लिए भेंट की थी. एसडीओ ने मीट व्यवसायियों से कहा कि रामनवमी के बाद सात अप्रैल को इस मामले में बात करेंगे. इस मामले में मुर्गी व्यवसायी गोपू बोस ने बताया कि आसपास के चौक- चौराहों पर मुर्गा और मुर्गी का मीट बेचा जाता था. एसडीओ इस मामले में सात अप्रैल को निर्णय लेंगे. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल से घाटशिला के आसपास क्षेत्रों में प्रतिदिन 60 क्विंटल मुर्गा-मुर्गी आता है. प्रखंड में लगभग डेढ सौ कटिंग सेंटर है,
जो मुर्गा और मुर्गी काट कर बेचते हैं. इसी से इनका परिवार चलता है. घाटशिला, मऊभंडार, काशिदा, फुलडुंगरी, फूलपाल, राजस्टेट, दाहीगोड़ा समेत अन्य जगहों पर मुर्गा और मुर्गी का कटिंग सेंटर है. दामपाड़ा के बड़ाजुड़ी, बांधडीह, छोटादाधिका, काड़ाडुबा, हुलूंग, कालचिती और चापड़ी के अलावे 40 कटिंग सेंटर हैं. गालूडीह के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 30 कटिंग सेंटर है. सभी कटिंग सेंटर आदेश के बाद से बंद हैं. इससे कटिंग सेंटर चलाने वाले परेशान हैं. मीट बेचने वालों को चेतावनी: धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ थाना प्रभारी राजेश कुमार और सीओ एचसी मुंडा ने सड़क किनारे खुले में मीट बेचने वालों को मंगलवार को चेतावनी दी. थाना प्रभारी ने मीट व्यापारियों से कहा कि इस प्रकार मीट नहीं बेचें. सीओ ने बताया खुले में मीट बेचने वाले आवश्यक कागज बना लें. सरकारी नियमानुसार मीट बेचने की दुकान बनायें. मीट व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं, तो कार्रवाई की जायेगी.