लीक से हट कर करें अनुसंधान

गालूडीह. दारीसाई में खरीफ पर कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक,बोले कुलपति गालूडीह : कृषि वैज्ञानिक सोच बदलें और लिक से हट कर किसानों एवं स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर नया अनुसंधान करें. तब हम कृषि में आत्मनिर्भर बनेंगे. आज जितनी मांग है उतना हम उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. सिर्फ अनुसंधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 4:08 AM

गालूडीह. दारीसाई में खरीफ पर कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक,बोले कुलपति

गालूडीह : कृषि वैज्ञानिक सोच बदलें और लिक से हट कर किसानों एवं स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर नया अनुसंधान करें. तब हम कृषि में आत्मनिर्भर बनेंगे. आज जितनी मांग है उतना हम उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. सिर्फ अनुसंधान करने और उत्पादन बढ़ा देने भर से काम नहीं चलेगा. किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी भी जरूरी है. झारखंड पर पूरे देश की नजर हैं. पर उत्पादन कम है. समेकित कृषि प्रणाली को बढ़ावा देना होगा. उक्त बातें रांची बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने कही.
वे सोमवार को दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र सभागार में आयोजित खरीफ 2017 पर कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में देश में झारखंड की भागीदारी दिखानी है. यह तब संभव है जब जेडआरएस, केबीके, कृषि विभाग के सभी अंग एक सूत्र में बंध कर काम करेंगे. समस्याएं हैं. रहेगी. जितने संसाधन हैं उसमें ही हमें रिजल्ट देना है.
कृषि पर सरकारी योजनाएं इतनी है कि किसान कनफ्यूज हो गये हैं:
कुलपति ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार कृषि पर इतनी योजनाएं चला रही है कि किसान कनफ्यूज हो गये हैं.जरूरत है किसानों को बताने और समझाने की. वह काम जमीन स्तर पर नहीं हो रहा है.किसानों को पूरी जानकारी विवि, केबीके दे. फसल प्रबंधन पर काम हो. बदलते जलवायु को ध्यान रख कर फसल का चुनाव करना होगा. पानी का सही
उपयोग होना चाहिए. किसानों को उत्पादन का सही दाम नहीं मिलता. बाजार की व्यवस्था जरूरी है. जहां सूखा पड़ता है वहा बागवानी को बढ़ावा देना होगा. वर्षा जल संग्रह और हर बूंद
खेत में रहे इसकी व्यवस्था करनी होगी. दो के जगह तीन फसली योजना पर काम करना होगा. किसानों को समय पर बीज, खाद मिले
यह विवि की प्राथमिकता है. डेयरी, मछली और पशु पालन को बढ़ावा देना होगा.सिस्टम
को दुरूस्त कर टारगेट पर काम करे.सफलता मिलेगी.2020 तक उत्पादन दोगुना करना है: डॉ द्रोण: बैठक में बिरसा कृषि विवि के निदेशक अनुसंधान डॉ डीके सिंह द्रोण ने कहा
कि 2020 तक उत्पादन दोगुना करना है.जो भी अनुसंधान करें किसानों के हित में ध्यान रख कर करें. दारीसाई में 10-12 एकड़ में अदरक बीज उत्पादन होगा. बैठक में कृषि भौतिकी
एवं मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अब्दुल वदूद ने कहा कि बदले जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रख कर ही अनुसंधान
करें और किसानों को तकनीक दें. बैठक में शश्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एमएस यादव, बीएयू के सहायक निदेशक अनुसंधान डॉ सोहन राम, डॉ मल्लिक, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ पीके सिंह, डॉ डीके रूसिया,डॉ पंकज ने भी अपने विचार रखे.
कृषि वैज्ञानिकों ने प्रस्तुत किया वार्षिक रिपोर्ट, हुई बहस: बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने विगत वर्ष खरीफ में क्या किया और इस वर्ष क्या करेंगे इस
पर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया. इस पर बहस और चर्चा भी हुई. बैठक में जेडआरएस के सह निदेशक डॉ जिबरा टोप्पो, विनोद कुमार,
डॉ डी रजक, डॉ एनपी यादव, डॉ एसएस कुमार, डॉ एमके वर्णवाल, डॉ यूके प्रसाद, डॉ पीके झा, डॉ डी महतो, डॉ आरती वीणा एक्का, डॉ आरएम मिश्रा, भूषण प्रसाद, अंजली मिश्रा, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ अरविंद मिश्रा आदि उपस्थित थे.

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