East Singhbhum : जंगल में पिंजरा लगा भैंस को बांधा गया, शिकार करते ही फंसेगी बाघिन
चाकुलिया वन क्षेत्र के जमुआ, राजाबासा, माचाडीह के जंगलों में घूमती रही बाघिन जीनत, 20 दिनों से बाघिन को पकड़ने के प्रयास में जुटी है वन विभाग की टीम
चाकुलिया. ओडिशा के सिमलीपाल जंगल से भाग कर चाकुलिया वन क्षेत्र पहुंची बाघिन ‘जीनत’ को 20वें दिन भी नहीं पकड़ा जा सका. शुक्रवार को बाघिन सुबह से जमुआ, राजाबासा और माचाडीहा के जंगलों में विचरण करती रही. वहीं, दिन भर वन विभाग की टीम जीपीएस ट्रैकर के माध्यम से बाघिन का लोकेशन ट्रेस करती रही. शाम होते ही बाघिन को पकड़ने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया. वन विभाग ने पिंजरा युक्त वाहन को जंगल लाया. वहां पिंजरे में भैंस के बछड़े को बंद कर दिया. वन विभाग की टीम इस इंतजार में बैठी है कि बाघिन जैसे ही भैंस का शिकार करने के लिए पिंजरे में घुसेगी, फंस जायेगी. बाघिन को कैद कर लिया जायेगा. समाचार लिखे जाने तक बाघिन को नहीं पकड़ा जा सका था.
जिस रास्ते आयी, उसी से वापस ले जाने का प्रयास
ज्ञात हो कि बीते 24 नवंबर को सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से बाघिन भाग निकली थी. वह गुड़ाबांधा के रास्ते चाकुलिया के जंगल में प्रवेश कर गयी. अब बाघिन वापस उसी रास्ते से लौटने लगी है. ऐसे में वन विभाग ने राहत की सांस ली है. ओडिशा वन विभाग की टीम दोनों पहलुओं पर काम कर रही है. बाघिन को पकड़ने के लिए जाल बिछाया जा रहा है. दूसरी ओर जिस रास्ते बाघिन चाकुलिया पहुंची है, उसी रास्ते वापस ले जाने की तैयारी की जा रही है.बाघिन को पकड़ने में तरह-तरह की जगत में विभाग
बीते बुधवार से ओडिशा वन विभाग की टीम बाघिन को पकड़ने के लिए तरह-तरह की जुगत में है. भैंस के बछड़े को चारा बनाकर बाघिन के पास छोड़ गया. ट्रेंकु लाइजर गन के सहारे बाघिन को बेहोश करने का प्रयास किया गया, परंतु सफलता नहीं मिली. चियाबांधी जंगल में झाड़ियां अधिक होने के कारण बाघिन को पकड़ा नहीं जा सका. कुछ लोगों का मानना है कि निशाना चूक गया, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि निशाना सही लगा था. निशाना लगने के बाद बाघिन झाड़ियों में छिप गयी. इस दौरान बाघिन तक पहुंच कर उसके बेहोश होने के बारे में जानकारी हासिल करने की हिम्मत कोई जुटा नहीं पाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है