प्रचंड गर्मी में जल संकट : पहाड़ी नदी किनारे गड्ढा खोद पेयजल ले रहे ग्रामीण
बाघुड़िया के भुरुडांगा के करीब 80 परिवार पानी के लिए बहाते हैं पसीना, एक डेकची पानी निकालने में आधा घंटा तक लगता है समय
गालूडीह. उमस भरी प्रचंड गर्मी में जल संकट से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. बाघुड़िया पंचायत के भुरुडांगा के ग्रामीणों को पानी के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है. सातगुडूम पहाड़ी नदी के रेत में खाल (गड्ढा) खोद कर पीने का पानी लेने पड़ रहा है. महिलाओं को एक डेकची पानी निकालने में आधा घंटा समय लगता है. महिलाएं गड्ढे से कटोरा में पानी छान कर निकलती हैं. एक खाल सूख जाने पर, दूसरा खोदती हैं. इस तरह पहाड़ी नदी की रेत में जगह-जगह खाल खोदने पर पानी मिलता है. सुबह और शाम में सातगुड़ूम नदी की रेत में खाल खोदते ग्रामीणों को देखा जा सकता है.
‘पानी का जुगाड़ नहीं करेंगे, तो प्यासे मर जायेंगे’
खाल से पानी निकाल रहीं महिलाओं ने कहा कि क्या करें? पानी नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है. पानी का जुगाड़ नहीं करेंगे, तो प्यासे मर जायेंगे. भुरुडांगा गांव में 80 से अधिक परिवार हैं. पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. सातगुड़ूम नदी की रेत में खाल खोद कर पानी निकाल रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि गांव में सोलर जलमीनार देने से गांव में पानी की किल्लत समाप्त हो जायेगी. गांव में एक-दो नल हैं, जिसका पानी पीने योग्य नहीं है. सोलर जलमीनार को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया, पर अबतक कोई पहल नहीं की गयी.
सबरों का सहारा बनी पहाड़ी नदी
सबर बस्तियों में रहने वाले सबरों की प्यास पहाड़ी नदी सातगुड़ूम से बुझ रही है. इसी नदी में सबर नहाते व कपड़े धोते हैं. नदी के किनारे खाल बनाकर पानी पीते हैं. हालांकि घुटिया सबर बस्ती में जलमीनार है. इसका पानी पीने योग्य सबर नहीं मानते, इसलिए नदी के खाल से पीने का पानी लाते हैं. अन्य सबर बस्तियों में पेयजल संकट गहरा गया है.
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