East Singhbhum : घाटशिला के सीताडांगा के युवा अमित महतो ने बीए के बाद खेती-बाड़ी में बनाया करियर, सालाना छह लाख की कमाई

दो-दो पॉली हाउस बनाकर करते हैं सब्जियों के चारा का उत्पादन, किसान अमित ने कहा- खाना सब चाहते, उगाना कोई नहीं चाहता

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 11:51 PM

-:प्रभात खबर सरोकार:-

मो.परवेज, गालूडीह

घाटशिला प्रखंड के सीताडांगा गांव निवासी 33 वर्षीय युवा किसान अमित कुमार महतो ने बीए की पढ़ाई के बाद खेती-बाड़ी को करियर बनाया. अपनी मेहनत से सालाना करीब छह लाख रुपये आय कर रहे हैं. वे खेती के साथ मछली, बत्तख व बकरी पालन करते हैं. वे 5दो पॉली हाउस बनाकर बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला आदि सब्जियों का चारा उत्पादन करते हैं. इसके साथ करीब चार एकड़ जमीन पर शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, नेनुआ, मिर्च, लौकी, खीरा आदि की खेती 12 महीने करते हैं. अमित महतो कहते हैं कि खाना सब चाहते हैं, पर उगाना कोई नहीं चाहता. उगायेंगे नहीं, तो खाना कहां से मिलेगा ?

साल में तीन बार सब्जियों का चारा उगा कोल्हान में करते हैं आपूर्ति

अमित महतो ने बताया कि साल में तीन बार सब्जियों का चारा उत्पादन पॉली हाउस में करते हैं. चारा को पूरे कोल्हान में आपूर्ति करते हैं. चारा तैयार होने में 25 दिनों का समय लगता है. एक चारा डेढ़ रुपये कर बेचते हैं. एक बार में हजारों चारा तैयार होता है. चारा उत्पादन से दो से तीन लाख की सालाना आय होती है. दूर-दूर से किसान चारा लेने आते हैं. वर्तमान में किसान बीज लगाने के बजाय चारा लगाना पसंद कर रहे हैं. इससे कम समय में फसल तैयार होती है. वहीं, नुकसान कम होता है.

चार एकड़ में तालाब, मछली, बत्तख, बकरी व मुर्गी का पालन

किसान अमित महतो कहते हैं कि करीब चार एकड़ में बड़ा तालाब है, जहां मछली पालन करते हैं. तालाब में बत्तख भी छोड़े गये हैं. बकरी व देशी मुर्गी का पालन भी करते हैं. इससे साल भर में तीन लाख रुपये के आस-पास आय हो जाती है. हर साल दो एकड़ में धान की खेती करते हैं. वे बीज बाहर से मंगाते हैं. उत्पादित सब्जियों को जमशेदपुर मंडी या आस पास के हाट-बाजार में बेचते हैं.

छोटे भाई को बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करा रहे

किसान अमित महतो ने बताया कि अपने छोटे भाई सुमित महतो को बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करा रहे हैं, ताकि खेती में और अच्छी तकनीक का उपयोग कर सकें. उनके पिता अनिल महतो के साथ परिवार के अन्य लोग भी कृषि कार्य में मदद करते हैं. वर्ष 2018 से वे कृषि कार्य से जुड़े. कृषि के लिए बोरिंग और तालाब से सिंचाई करते हैं. इसके लिए बैंक से केसीसी ऋण लिया है.

30 युवाओं को साथ जोड़ा, सीएसआर से 30 तालाब खुदवाया, बंजर जमीन पर की बागवानी

किसान अमित महतो ने 30 युवाओं को अपने साथ जोड़ा है. कमेटी बनाकर खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. 30 युवा किसानों की जमीन पर सीएसआर के तहत 30 तालाब बनवाया है, जहां मछली पालन की योजना है. तालाब के पानी से आस-पास की जमीन पर खेती होगी. तालाब के मेढ़ व आसपास बागवानी की है. उनके साथ जुड़ने वाले युवा किसान उपेंद्र महतो, दिनेश महतो ने बंजर जमीन तीन-चार एकड़ में बागवानी की है. यहां अमरूद, आम आदि के पौधे लगाये हैं. अमित महतो के कार्य से प्रभावित होकर बिरसा कृषि विवि उसे सम्मानित कर चुका है. दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र अन्य किसानों को प्रेरित करने के अमित महतो को प्रशिक्षण देने भी बुलाने लगा है.

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