East Singhbhum : दारीसाई के कृषि वैज्ञानिकों की रिपोर्ट, बारिश अधिक हुई, तो धान व सब्जी को क्षति होगी, किसान चिंतित

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदला मौसम का मिजाज, मौसम खुलने पर फसलों में कीड़ें लगने की आशंका, सोमवार को दिनभर छाये रहे बादल, ठंड हवा चलने से कनकनी बढ़ी

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2024 12:20 AM

गालूडीह. दारीसाई के कृषि वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने पश्चिम विक्षोभ के कारण अचानक मौसम का मिजाज बदला है. हालांकि मौसम विभाग ने पहले अलर्ट कर दिया था कि 8 से 10 दिसंबर तक मौसम में बदलाव रहेगा. बारिश होगी. आठ दिसंबर को बारिश नहीं हुई, पर 9 दिसंबर को घाटशिला अनुमंडल में 10.30 बजे से 11 बजे तक झमाझम बारिश हुई. उसके बाद मौसम खुला. दिन भर बादल छाये रहे. ठंड हवा चल रही है. इससे कनकनी ठंड बढ़ गयी है.

दारीसाई अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ एन सलाम ने कहा कि ज्यादा बारिश हुई तो पके धान को भारी नुकसान होगा. इतना ही नहीं सब्जी को भी नुकसान होगा, मौसम खुलने पर फसलों में कीड़ों और रोग का प्रकोप भी बढ़ेगा. डॉ एन सलाम ने कहा कि अभी धान कटनी का समय है. सबसे ज्यादा धान फसल को नुकसान होगा. धान की बाली गीली हो जायेगी. यदि कटे धान की बाली भींग जाती है तो अंकुरित होने की संभावना है. धान खाने लायक रहेगा लेकिन बीज के लायक नहीं रहेगा. किसानों को बीज दुकान से खरीदना पड़ेगा. मध्यम बारिश होने से रबी फसल के लिए फायदेमंद होगा. बैगन, टमाटर, फूलगोभी, आलू आदि सब्जियों में कीड़े और रोग लगने को संभावना है. यह बारिश अरहड़ फसल को भी नुकसान करेगा. उसमें कीड़े लगेंगे. छोटे-बड़े फलदार वृक्ष के लिए फायदेमंद है. सरसों की फसल और तोरिया फसल की फसल पर लाही के प्रकोप की संभावना है.

बेमौसम बारिश से धान अंकुरित होने की संभावना

गालूडीह-घाटशिला क्षेत्र में सोमवार को अचानक मौसम बदल गया. बारिश से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसान अतनु महतो, शंकर महतो, प्रशांत महतो, चिन्मय महतो, गौतम महतो, नील मोहन महतो, विजय महतो, भोजहरि महतो, राजबल्लभ महतो, गोपाल महतो, तिमिर महतो, परमेश्वर कालिंदी आदि ने बताया कि इस क्षेत्र की मुख्य फसल धान है. धान की खेती ऋण लेकर की थी. एक साल के धान की फसल से सालों भर उनका पेट भरता है. बारिश के कारण धान बर्बाद हो सकते हैं. धान अंकुरित होने से नष्ट हो जायेंगे. किसानों को धान अंकुरित होने की चिंता सताने लगी है.

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