डुमरिया. डुमरिया से कोवाली तक निर्माणाधीन सड़क की आरसीसी पुलिया की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवाल उठाया है. आरोप है कि भागाबांदी और जामबनी गांव के बीच बन रही आरसीसी पुलिया के निर्माण में सीमेंट के साथ क्रशर का डस्ट मिलाया जा रहा है. मुंशी मनोज कुमार ने बताया कि पांच धामा बालू, पांच धामा डस्ट और एक धामा सीमेंट मिलाया जा रहा है. ऐसा ही प्रावधान है. विभाग के अभियंताओं के निर्देश पर निर्माण कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि सीमेंट के साथ डस्ट मिलाने का कोई औचित्य नहीं है, इसकी जांच होनी चाहिए.
छह साल में पूरी नहीं हुई सड़क
डुमरिया से भागाबांदी होते हुए कोवाली तक सड़क निर्माण वर्ष 2018 में शुरू किया गया, लेकिन आजतक पूरा नहीं हुआ. संवेदक की मनमानी, विभाग व प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण 6 साल में सड़क पूरी नहीं हो सकी है.
सड़क की धूल व गिट्टी से बीमार हो रहे लोग
लोग धूल और उखड़ी गिट्टी से परेशान हैं. सफेद डस्ट (धूल) से गंदगी फैलने के साथ लोग बीमार हो रहे हैं. यह सड़क डुमरिया की लाइफ लाइन है. इसी सड़क से कुमड़शोल, खड़िदा, बांकीशोल केंदुआ, खैरबनी तथा कांटाशोल पंचायत के लोग आवाजाही करते हैं. जर्जर सड़क सभी परेशान हैं.
29 किमी लंबी सड़क 63 करोड़ से बन रही
ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क कवाली से डुमरिया तक की लगभग 29 किमी है. करीब 63 करोड़ रुपये की लागत से किरण कस्ट्रक्शन काम कर रहा है. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भी समय पर नहीं मिलने के कारण सड़क का निर्धारित चौड़ीकरण नहीं हुआ है.
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