बारुनिया के किसानों के जीवन में मिठास ला रहा ‘नींबू’

डुमरिया : बारुनिया समेत आठ गांवों में नींबू की खेती को मिला बढ़ावा, टीडीएफ से 4.17 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली, नाबार्ड देगा 3.35 करोड़

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 11:24 PM

डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के बारुनिया गांव के किसानों ने अपने खून-पसीने से सींचकर नींबू की बागवानी की है. बारुनिया गांव की पहचान अब राज्य स्तर पर होगी. यहां के किसानों ने बिना सरकारी सहयोग के नींबू की खेती की. प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बारुनिया में नींबू की खेती को विस्तार देने का निर्णय लिया है. इसके लिए नर्सिंगबहाल, नूनिया, सातबाखरा, हल्दीबनी, कारीदा, सुनुडुरु जानेगोड़ा व लुपुंगडीह गांव में कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल की शुरुआत की गयी है. इसके लिए आदिवासी विकास परियोजना के तहत आदिवासी विकास निधि (टीडीएफ) से 4 करोड़ 17 लाख 73 हजार 670 रुपये की राशि स्वीकृत हुई है. इसमें नाबार्ड से 3 करोड़ 34 लाख 99 हजार 470 रुपये अनुदान के रूप में दी जायेगी. बाकी लाभार्थी का योगदान श्रमदान के रूप में रहेगा.

खेती के लिए 10-10 फीट पर खोदे जा रहे गड्ढे

टीआरसीएससी के अध्यक्ष डॉ तापस पाइक, वादी प्रोजेक्ट के समन्वयक गोपाल कुइला ने बारुनिया के ग्राम प्रधान जवाहरलाल महतो की अध्यक्षता में ग्रामीणों के साथ बैठक कर नाबार्ड से स्वीकृत योजना के संबंध चर्चा की. सभी के सहयोग से योजना को सफल बनाने का निर्णय लेकर काम शुरू कर दिया गया है. इसके साथ बारुनिया गांव में नींबू के पौधे लगाने के लिए 10-10 फीट की दूरी पर गढ्ढा खुदाई शुरू हो गयी है. अन्य आठ गांवों में ग्रामीणों के साथ भी बैठक की गयी है. यह योजना पांच साल के लिए है, जो एनजीओ से संचालित होगी.

प्रत्येक किसान ने 50 से 300 पौधे लगाये हैं

बारुनिया गांव के प्रत्येक किसान ने नींबू का बगान बना रखा है. इसमें 50 से 300 पौधे लगे हैं. अब नाबार्ड का सहयोग मिला है. इससे नींबू की खेती में क्रांति आयेगी. डुमरिया प्रखंड के लोग मेहनतकश हैं, लेकिन पानी के अभाव में हार मान जाते हैं. अगर डुमरिया के किसानों के खेत तक पानी उपलब्ध हो, तो यहां से पलायन पर अंकुश लगेगा. बारुनिया के ग्राम प्रधान की देखरेख में नींबू की खेती में राज्य पटल पर पहचान दिलाने के लिए जुट गये हैं. इसके पूर्व बीडीओ साधुचरण देवगम ने पहचान दिलाने की ईमानदार पहल की थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version