जंगल में लगी आग से हाथी के बच्चे की मौत
मृत बच्चे को पांच दिनों तक अपने साथ घसीटती रही हथिनी
मृत बच्चे को पांच दिनों तक अपने साथ घसीटती रही हथिनी
राकेश सिंह, चाकुलिया
जंगल में लगी आग से हाथी के बच्चे की मौत हो गयी. मृत बच्चे को 5 दिनों तक हथिनी अपने साथ घसीटती रही. मृत बच्चे को कोई लेकर ना चला जाए इस डर से शाम होते ही हथिनी झाड़ियों से शव को ढक देती. फिर सुबह में अपने साथ घसीटते हुए एक जगह से दूसरे जगह ले जाती. इस दौरान नवजात का शव पूरी तरह सड़ चुका था. जंगल में दुर्गंध फैलने लगी. शुक्रवार को हथिनी मृत बच्चे के शव को घसीटते हुए मानुषमुड़िया के समीप लुगाहारा जंगल लेकर आ पहुंची. शनिवार को हाथियों का झुंड नवजात के शव को छोड़कर आगे बढ़ गया. इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. नवजात के शव को जब्त कर लिया.15 अप्रैल को हथिनी ने बच्चे को दिया था जन्म
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार चाकुलिया वन क्षेत्र के दूधकुंडी जंगल में 15 अप्रैल को हथिनी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. जिस दिन हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया, उसी दिन किसी असामाजिक तत्व ने जंगल के सूखे पत्तों में आग लगा दी. जंगल में लगी आग को देख हाथियों का झुंड किसी तरह बचकर रेहडासोल जंगल में प्रवेश कर गया. परंतु इस अगलगी में नवजात हाथी का बच्चा बुरी तरह झुलस गया. आग से झुलसा बच्चा 21 अप्रैल को रेहडासोल जंगल में दम तोड़ दिया. बच्चे की मौत की जानकारी बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र पर स्थित क्यूआरटी टीम को भी लगी. टीम के एक सदस्य लक्ष्मण हांसदा ने बताया कि ड्रोन से हाथियों की निगरानी की जा रही थी. इसी दौरान उन्हें हाथी के बच्चे की मौत होने की जानकारी मिली. परंतु हथिनी अपने बच्चे को अलग नहीं होने दे रही थी. इस कारण वन विभाग उसे जब्त नहीं कर पा रही थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है