East Singhbhum : बंगाल से आवक पर रोक, घाटशिला में 40-50 रुपये किलो हुआ आलू
गालूडीह-घाटशिला में हर सप्ताह 10 पिकअप वैन आता था आलू, अभी एक भी नहीं आ रहा, बाजार में पिछले सप्ताह 35-40 रुपये किलो बिक रहा था आलू, यही हाल रहा, तो दो दिनों में खत्म हो जायेगा स्टॉक : आलू कारोबारी
घाटशिला/गालूडीह. सब्जियों का राजा आलू महाराजा बन गया है. बंगाल से आपूर्ति पर रोक के बाद घाटशिला व गालूडीह के बाजार में 45- 50 रुपये किलो आलू बिक रहा है. घाटशिला-गालूडीह में आलू की किल्लत हो गयी है. आलू के दामों में उछाल आ गया है. आलू विक्रेताओं ने बताया कि बंगाल से आलू की आपूर्ति नहीं हो रही है. एक दो दिनों में आलू का स्टॉक खत्म होने की संभावना है. आपूर्ति नहीं होने के कारण आलू के मूल्य में बढ़ोत्तरी हो रही है.
चोरी छिपे सब्जियों के साथ आलू आ रहा
इधर आलू की कीमत बढ़ने से आम लोग परेशान दिख रहे है. गालूडीह के आलू व्यापारी तुलसी दत्ता, मनोज साव, अंबिका साव, संतोष हलदार, महाराज प्रसाद, चंद्रिका साव द्वारा हर सप्ताह लगभग दस पिकअप वैन आलू मंगाया जाता था. आलू व्यापारियों ने बताया कि बंगाल सरकार आलू नहीं दे रही है. गाड़ी बंद है. बॉर्डर पर गाड़ी रोकी जा रही है. पिकअप वैन से चोरी छिपे सब्जियों के साथ कुछ आलू ला रहे हैं. बॉर्डर पर आलू पकड़ाने पर गाड़ी वापस लौटा दिया जा रहा है. या फिर आलू को खाली करवा रहे हैं. कहा जा रहा कि बंगाल में आलू का स्टॉक कम है. इसीलिए बंगाल सरकार द्वारा आलू पर रोक लगाया गया है. नया आलू आने में देर है. गालूडीह में सप्ताह में लगभग दस पिकअप वैन आलू आता था. पहले आलू 30 से 35 रुपये बिक रहा था. अब 45-50 रुपये किलो बिक रहा है. नया आलू आने में करीब एक माह लगेगा.
घाटशिला के कई आलू व्यापारियों ने आलू लाना बंद किया
घाटशिला के आलू व्यापारी अरुण राउत समेत अन्य कई व्यापारियों ने बंगाल से आलू लाना बंद कर दिया है. कहा कि कौन झमेला लेगा. सीमा पर बंगाल पुलिस आलू लदे वाहनों को रोक दे रही है. उन्होंने कहा कि कुछ बंगाल के व्यापारी अभी सब्जी लदे वाहन पर आलू लादकर ला रहे हैं और घाटशिला के बाजारों में बेच रहे हैं. आलू व्यापारी अमित कुमार ने कहा कि बंगाल से जो व्यापारी आलू लेकर आ रहे उसे खरीद कर खुदरा बेच रहे हैं.
झारखंड सरकार कड़ा कदम उठाये : ग्राहक
ग्राहक कमल जिंदल, प्रेमचंद्र दास, प्रकाश गुप्ता ने कहा आलू ने घर का बिजट बिगाड़ दिया है. सब्जी का दाम पहले से ज्यादा है. अब आलू पर आफत हो गयी. झारखंड सरकार को पहल करनी चाहिए. झारखंड से कई उत्पाद बंगाल जाते हैं. बंगाल से कई उत्पाद झारखंड आते हैं. आदान-प्रदान से सिस्टम चलता है. कोई रोक लगा दे, तो ठीक नहीं है. झारखंड सरकार को कड़ी कदम उठाना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है