East Singhbhum : उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार न करें बैंककर्मी : समीर मोहंती
चाकुलिया धर्मशाला परिसर में बैंककर्मियों व ग्रामीणों की हुई बैठक
चाकुलिया. चाकुलिया धर्मशाला परिसर में बुधवार को विधानसभा स्तरीय बैंक कर्मियों व ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक में ग्रामीणों ने विधायक समीर मोहंती से समस्याओं के समाधान की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि चाकुलिया के बेंद व गोहालडांगरा के बैंककर्मी उपभोक्ताओं से ठीक से बात नहीं करते हैं.
विधायक ने कहा कि किसान समृद्ध हो इसके लिए अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाये. इसी उद्देश्य से बैंकर्स और ग्रामीणों की बैठक रखी गयी है. विधायक ने कहा कि बैंक कर्मी अपने स्वभाव में परिवर्तन लाएं और ईमानदारी से काम करें तो समस्या का समाधान होगा. उन्होंने बैंक कर्मियों से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने को कहा, जिसमें लोन लेने वाले लाभुकों को पैसे खर्च करने के बारे में जानकारी दी जा सके. विधायक ने कहा कि गुड़ाबांधा प्रखंड के बैंक का लिंक हमेशा फेल रहता है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. विधाक ने इसमें जल्द सुधार लाने की बात कही.मौके पर उप जोनल मैनेजर भूपेंद्र नारायण, चाकुलिया बीडीओ आरती मुंडा, सीओ नवीन पूर्ति, बहरागोड़ा सीओ राजाराम मुंडा, प्रखंड प्रमुख धनंजय करूणामय, बीस सूत्री अध्यक्ष साहेबराम मांडी, मुखिया राधानाथ मुर्मू, श्याम मांडी, शिवचरण हांसदा, दासो हेम्ब्रम, दशरथ मुर्मू, पंसस बुबाई दास, पुलक रंजन महापात्र, भृतिसुंदर महतो, डमन मांडी, मो गुलाब, गौतम दास, विशु ओझा, बिशाल बारिक, मुटुरखाम ब्रांच मैनेजर अमृत कुजूर, गोहालडांगरा के सुरेश हांसदा, चाकुलिया के कुंदन कुमार, गुहियापाल के हेमंत हांसदा, केरुकोचा के गणेश ईचगुटू, खंडामौदा के देवेंद्र हेंब्रम, बेंद के सुमित उपस्थित थे.
पंचायत भवन में बैठेंगे बैंक मित्र, तो ग्रामीणों को होगी सहूलियत : एलडीएम
एलडीएम संतोष कुमार ने कहा कि पंचायत भवन में बैंक मित्र बैठेंगे, तो क्षेत्र के लोगों को बैंक से जुड़े कार्य कराने में सहूलियत होगी. बैंक मित्र को हर पंचायत भवन में एक कमरा उपलब्ध कराने का सरकार का निर्देश है. उन्होंने कहा कि जल्द ही चाकुलिया प्रखंड में लोक अदालत लगाकर बैंक से संबंधित ऋण के मामलों का निष्पादन किया जायेगा. सरकार के नियम के तहत केसीसी ऋण माफी नहीं हो तो बैंक स्तर पर भी (समझौता) ऋण माफी की योजना है. संबंधित किसान अपने बैंक अधिकारी से मिलकर योजना का लाभ उठाये. किसान एलपीसी देकर दो लाख का केसीसी ऋण ले सकते हैं. अगर एलपीसी नहीं है तो किसान जमीन के कागजात के आधार पर एक लाख रुपये तक का केसीसी ऋण ले सकते हैं.
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