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East Singhbhum News : प्रभात इंपैक्ट : बीडीओ ने सबर बस्ती की रिपोर्ट मांगी, मृतक के आश्रित को जरूरी सुविधाएं देने का आदेश

बीडीओ के आदेश पर बीडब्ल्यूओ की जांच, पलायन करने वाले युवकों की सूची बनायी, पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया

घाटशिला. घाटशिला प्रखंड के रामचंद्रपुर सबर बस्ती में जुआ सबर की मौत से संबंधित समाचार ‘प्रभात खबर’ में छपने के बाद शुक्रवार को बीडीओ यूनिका शर्मा ने संज्ञान लिया. उन्होंने प्रभारी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी संजय साहू को रामचंद्रपुर सबर बस्ती की रिपोर्ट देने को कहा. मृतक की पत्नी को मूलभूत सुविधाएं देने का आदेश दिया. श्री साहू से सबर बस्ती की पूरी रिपोर्ट तैयार करने और सबरों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है. संजय साहू ने बताया कि बीडीओ के निर्देशानुसार रामचंद्रपुर सबर बस्ती गये थे. यहांं के युवा और पुरुषों के पलायन को लेकर जांच का आदेश मिला है. यहां से लगभग 20 युवा और कई लोग तमिलनाडु में रोजगार करने गये हैं. इसकी सूची तैयार की है. इसकी सूची बीडीओ को सौंपेंगे. मृतक जुआ सबर के आश्रित को पारिवारिक लाभ और उसकी पत्नी को पेंशन दिलाने की दिशा में पहल की जायेगी. मामले में पंचायत सचिव से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.

बस्ती के 13 युवा कर गये तमिलनाडु पलायन

रामचंद्रपुर सबर बस्ती के ज्यादातर युवा रोजगार के लिए तमिलनाडु में बोरिंग गाड़ी में काम करते हैं. बस्ती के मोना सबर (25), छोटू सबर (20), राजा सबर (22 ), दारा सबर (35), हारा सबर (22), रवि सबर (30), श्यामल सबर (18), लोको सबर (18), टकलू सबर (25), छोटू सबर (17), काला सबर (30), बलराम सबर (17 ) और मंगल सबर (18 ) तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में रहकर बोरिंग गाड़ी में काम करते हैं.

कस्तूरबा में नामांकित छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ी

प्रशासनिक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि की पहल पर रामचंद्रपुर सबर बस्ती की सोमवारी सबर, सोनिया सबर और रश्मि सबर का गालूडीह कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन हुआ था. छात्राओं ने कुछ दिन बाद स्कूल जाना बंद कर दिया. इस मामले में सबर छात्राओं के परिजन कुछ बताने से इनकार कर रहे हैं.

बीडीओ यूनिका शर्मा ने बताया कि रामचंद्रपुर सबर बस्ती के संबंध में सूचना है. पंचायत सचिव से जानकारी लेकर ही कुछ बता सकती हैं.

रामचंद्रपुर बस्ती में घट रहे सबर, पहले 32 परिवार थे आज 23 बचे

घाटशिला प्रखंड के रामचंद्रपुर सबर बस्ती में जुआ सबर (45) के निधन के दूसरे दिन शुक्रवार को स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे नहीं गये. कालचिती पंचायत के रामचंद्रपुर सबर बस्ती में आदिम जनजाति के सबरों की संख्या लगातार घट रही है. एक समय बस्ती में छोटे-छोटे बच्चे और स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक थी. आज बच्चों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है. बस्ती में पहले 32 परिवार थे. आज 23 परिवार (80-85 सदस्य) बचे हैं.

स्कूल : सात साल में घट गये 22-24 बच्चे

हीरागंज स्कूल की शिक्षिका भवानी महतो ने बताया कि वर्ष 2017-18 में सबर बच्चों की संख्या लगभग 30 से 32 थी. आज घटकर आठ रह गयी है. उन्होंने कहा कि जागरूकता का अभाव है. सबर अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं. नशापान करते हैं. स्कूल में वर्ग एक से 8 वीं कक्षा तक लगभग 8 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. शुक्रवार को बस्ती के एक भी सबर बच्चा स्कूल नहीं आया.

आंगनबाड़ी में पांच बच्चे नामांकित : सेविका

हीरागंज आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित बच्चों की संख्या 25 है. सेविका सोमा हेंब्रम ने बताया कि केंद्र में बच्चे पांच सबर हैं. सभी रोज आते हैं, लेकिन शुक्रवार को नहीं आये. रामचंद्रपुर सबर बस्ती में गर्भवती महिलाएं दो हैं. 6 से 3 वर्ष के बच्चे 6 हैं. उन्हें रेडी टू इट का पैकेट दिया जाता है. 3 साल से 6 साल के नामांकित बच्चे पांच हैं.

जागरूकता व शिक्षा की कमी, नशापान से दूरी जरूरी : मुखिया

कालचिती के मुखिया बैद्यनाथ मुर्मू ने बताया कि सबरों में जागरूकता का अभाव है. शिक्षा का अभाव है. रोजगार का बेहतर साधन नहीं हैं. मनरेगा में समय पर मजदूरी नहीं मिलने से अधिकतर सबर काम नहीं करते हैं. सबर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. सरकार राशन और पेंशन की सुविधा देती है, लेकिन इससे गुजर नहीं हो पाता है. जब तक सबर परिवार नशा से दूर नहीं होंगे, उनकी दशा और दिशा नहीं सुधरेगी. सबरों को रोजगार कैसे मिले, इसपर ध्यान देने की जरूरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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