Loading election data...

प्रकृति के पुजारी थे रवींद्रनाथ टैगोर : डॉ आरके चौधरी

घाटशिला कॉलेज में मनी कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2024 11:15 PM

घाटशिला. घाटशिला कॉलेज में बांग्ला विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता कविगुरु रवींद्र नाथ टैगोर की जयंती मनायी गयी. इस मौके पर प्राचार्य डॉ आरके चौधरी ने कहा कि भौतिक सभ्यता और कृत्रिम वातावरण से दूर रहने वाले रवींद्रनाथ टैगोर प्रकृति के पुजारी थे. प्रकृति की ओर लौटें यही उनका उद्घोष था. उन्होंने कहा कि कविगुरु ने 6 मई 1922 को विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की. उनका मानना था कि व्यक्ति का सर्वांगीण विकास समाज में रहकर ही संभव है. जयंती समारोह को डॉ डीसी राम, डॉ एसके सिंह, डॉ एसपी सिंह ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन बांग्ला विभाग के अध्यक्ष डॉ संदीप चंद्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ पीके गुप्ता ने किया. मौके पर प्रो महेश्वर प्रमाणिक, प्रो अर्चना सुरीन, चिरंतन महतो, सरजू पॉल, मानिक मार्डी समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.

टीपीएस डीएवी में मनी रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती

बहरागोड़ा के टीपीएस डीएवी स्कूल में मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती मनायी गयी. स्कूल की चेयरपर्सन डॉ बिन्नी षाड़ंगी, प्रिंसिपल अनूप कुमार और शिक्षकों ने उनकी तसवीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. डॉ षाड़ंगी ने कहा कि वे सर्वभाषी भाषाविद थे. उन्होंने संसार को संस्कृति से जुड़ने का रास्ता दिखाया. श्री कुमार ने कहा कि 13 वर्ष की उम्र से रवींद्रनाथ ने कविता और कहानी लिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने विद्यार्थियों को रवींद्रनाथ की जीवनी पढ़ने के लिए उत्साहित किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version