East Singhbhum News : सेवा ही भक्ति है, दीक्षा देकर उन्हें अपने अनुकूल ढालें : यदुनाथ
गालूडीह के महुलिया आंचलिक मैदान में युग पुरुषोत्तम श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र का जन्मोत्सव मना.
गालूडीह.गालूडीह के महुलिया आंचलिक मैदान में बुधवार को युग पुरुषोत्तम श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र का 137वां जन्मोत्सव व 48वां शुभागमन शरण दिवस धूमधाम से मनाया गया. इसमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा के विभिन्न जगहों से हजारों की संख्या में जयगुरु के भक्तों ने भाग लिया. ठाकुर अनुकूल चंद्र साल 1977 में गालूडीह आये थे, उसका स्मरण भी किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत शंखध्वनि व वंदे पुरुषोत्तम की जयघोष के साथ हुई. सुबह में उषा कीर्तन गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी. कार्यक्रम स्थल पर संगीतांजलि, धर्म सभा, मातृ सम्मेलन का आयोजन भी किया गया. धर्म सभा में कोलकाता के ऋतिक शांतनु भट्टाचार्य, पुरुलिया के ऋतिक सत्यानंद महतो व ब्रह्मपद तिवारी, बहरागोड़ा के ऋतिक सुशेन पात्र, घाटशिला के ऋतिक डॉ बादल चंद्र घोष, बांदवान के ऋतिक यदुनाथ महतो, जमशेदपुर के ऋतिक विनोद साव, कोलकाता के ऋतिक श्री भट्टाचार्य एवं अरुण मान्ना आदि मुख्य वक्ता रहे. वक्ताओं ने श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला.
हर इंसान के हृदय में सात्विक गुण होना चाहिए
कार्यक्रम के दौरान मधुर ध्वनि में भजन कीर्तन की प्रस्तुति दी गयी. यदुनाथ महतो ने कहा कि जब मन में शांति, प्रकाश, खुशी, पवित्रता, शांति, सद्भाव, दया, क्षमा, धैर्य और करुणा प्रबल होती है, तो हम इसे सात्विक कहते हैं. सात्विक मन वाले लोग शांति, सरल जीवन, उच्च विचार, आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन, दार्शनिक चर्चा, एकाग्रता, ध्यान और आध्यात्मिक लोगों की संगति पसंद करते हैं. कहा कि हर एक इंसान के हृदय में सात्विक गुण अवश्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अहंकार अशक्ति लाता है और भक्ति जीवन लाता है. अहिंसा प्रेम लाता है. आप किसे चुनेंगे तय करें. ऋतिकों ने कहा कि सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है. सेवा ही भक्ति है. दीक्षा देकर उन्हें अपने अनुकूल ढालें. मन को समझें और काम करें तभी सफलता मिलेगी. मौके पर विश्वनाथ साधु, सोमनाथ साधु, नंदगोपाल साव, बचहु घोष, निर्मल भकत, अर्घ कुमार बाग, दीपंकर गोराई, प्रभाकर भकत, कल्याण दत्ता, गणेश सिंह आदि उपस्थित थे. दीक्षा पत्र की दी जानकारी: विनोद साव ने कहा कि ठाकुर अनुकूल चंद्र के बताये रास्ते पर हमें चलने की जरूरत है. उन्होंने हमेशा जनकल्याण के लिए लोगों को संदेश दिया. उनके संदेश को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के संकल्प को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने सभी से अपने-अपने क्षेत्र में डीपी वर्क करने के लिए आग्रह किया.
मातृ सम्मेलन में महिलाओं ने लिया भाग
कार्यक्रम के दौरान मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया. मातृ सम्मेलन में कई महिलाओं ने भाग लिया. महिलाओं ने कहा कि श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र के दिशा-निर्देश का अनुसरण करके चलने से हर परिवार में शांति मिलती है. मातृ सम्मेलन में गुरु बहनों ने श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र एवं बड़ी मां की जीवनी पर विस्तृत प्रकाश डाला. वहीं सैकड़ों लोगों ने ठाकुर अनुकूल चंद्र जी की दीक्षा ग्रहण की.
श्रद्धालुओं ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया
कार्यक्रम में दोपहर में भंडारे का आयोजन किया गया. इसमें दूरदराज से आये हजारों लोगों ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया. प्रसाद लेने के लिए लंबी कतार लगी थी. इसके बाद आदिवासी नृत्य मंडली ने एक से बढ़कर एक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. आदिवासी नृत्य की लोगों ने खूब सराहना की. पारंपरिक नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा.
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