डुमरिया. डुमरिया प्रखंड में किसानों के लिए आने वाली अधिकतर योजनाएं कुछ लोगों तक सीमित रह जाती हैं. इसका लाभ 90 गांवों के किसानों को नहीं मिल पाता है. हर साल चुने हुए कुछ लोग उठाते हैं. इसके साथ किसानों के उत्थान व जागरूकता के लिए चल रहे अभियान को लेकर अधिकतर किसान मित्र गंभीर नहीं हैं. इसका जीता जागता उदाहरण डुमरिया प्रखंड में देखा गया. किसानों के बीच बांटने के लिए रांची से प्रकाशित कराकर भेजी गयीं किताबें बोरी में डालकर चौक-चौराहों पर फेंक दी गयीं हैं. इन किताबों को किसानों के बीच बांटने के लिए दिया गया था, ताकि किसानों में जागरुकता आया सके. अत्याधुनिक वैज्ञानिक तरीके से वे खेती कर सकें. किताबों में मृदा परीक्षण विधि, किट प्रबंधन व इसका महत्व, मछली पालन की विधि आदि दर्जनों प्रकार की किताबें किसान मित्रों को किसानों में बांटने के लिए दी गयी थी. इसे बांटने के बजाय अधिकतर किताबों को यहां-वहां फेंक दिया गया. कई माह से इन किताबों यहां-वहां फेंका जा रहा है. कुछ कबाड़ियों को बेच दी गयी है. ग्रामीणों के बताया कि डुमरिया प्रखंड में किसान मित्रों के कुछ चुनिंदा व परिचित को सरकारी सुविधाओं का लाभ हमेशा मिलता है. उद्यान विभाग व कृषि विभाग का लाभ 90 गांवों के किसानों को नहीं, बल्कि चंद किसानों को मिलता है. ग्रामीणों की मांग है कि इसकी जांच एक टीम बनाकर निष्पक्ष रूप से होनी चाहिए.
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