गालूडीह/ घाटशिला.131 करोड़ की राशि से स्वीकृत फूलडुंगरी से झाटीझरना तक की सड़क चौड़ीकरण सड़क योजना के पेंच में फंस गयी है. घाटशिला की अंचलाधिकारी निशांत अंबर ने 16 गांवों में ग्राम सभा कर परामर्श मांगा है. ग्राम सभा की सहमति के बाद आगे बात बढ़ेगी. झाटीझरना पंचायत की करीब दस राजस्व गांव समेत बासाडेरा, डाइनमारी, माकुली समेत करीब 20 हजार से अधिक की आबादी सड़क की बदहाली से परेशान हैं. पहले राज्य सरकार ने इस सड़क की स्वीकृति दी थी. फिर केंद्र सरकार ने इसी सड़क की दी स्वीकृति दे दी. इससे पेंच फंस गया. एक ही सड़क दो अलग-अलग योजना से कैसे बनेगी. नतीजतन पूर्व डीसी ने इस पर रोक लगा दी.
अभी सिंगल सड़क है अब डबल बनेगी तो भूमि अधिग्रहित होगी. जिसमें रैयत और वन विभाग की जमीन जायेगी. इसलिए ग्राम सभा कर जमीन विवाद को सुलझाने के प्रयास को लेकर अंचल विभाग पहल कर रहा है. ग्राम सभा कर परामर्श मांगा गया है. इसके बाद वन विभाग से एनओजी लेकर वन विभाग का पेंच को सुलझाया जायेगा. तब जाकर सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा. झाटीझरना तक सड़क चौड़ीकरण योजना का अक्तूबर माह ही मंत्री रामदास सोरेन और सांसद विद्युत महतो ने शिलान्यास कर दिया है. पर पेंच के कारण अब तक काम शुरू नहीं हुआ है. रांची की एक ठेका कंपनी ने काम लिया है. पेंच फंसने से काम ठप है.16 गांवों में बालीडीह, पावड़ा, डाइनमारी झाटीझरना, गहनडीह व अन्य शामिल
घाटशिला प्रखंड के 16 गांव जो सड़क निर्माण की जद में आयेंगे उक्त गांवों में ग्राम सभा कर सीओ ने परामर्श मांगा है, जिसमें बालीडीह, पावड़ा, डाइनमारी, झाटीझरना, गहनडीह, धोबनी, माकुली, बाघमुंडी, बासाडेरा, हरिपुर, चेंगचोड़ा, उपरपावड़ा, बालियाम, भोमराडीह, बुरूडीह, पाथरगोड़ा आदि शामिल हैं. घाटशिला सीओ ने ग्राम प्रधानों को जारी विभागीय पत्र में कहा है कि जिला भू अर्जन पदाधिकारी का निर्देश मिला है कि फूलडुंगरी से झाटीझरना तक सड़क चौड़ीकरण को संबंधित गांवों में ग्राम सभा कर परामर्श देना है.अभी झाटीझरना के ग्रामीण 25 किमी की जगह 60 किमी तय करते हैं दूरी
सड़क की बदहाली के कारण अभी झाटीझरना के ग्रामीण 25 किमी की दूरी के बदले 60 किमी दूरी तय करते हैं. झाटीझरना से घाटशिला सीधे आने पर 25 किमी है. पर सड़क जर्जर होने से अभी बंगाल से घुमकर द्वारसीनी होते हुए गालूडीह आते हैं फिर घाटशिला प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं. सड़क की बदहाली से स्कूली बच्चे, शिक्षक, किसान, मजदूर सभी परेशान हैं. इसी मार्ग बुरूडीह और धारागिरी पर्यटक स्थल है. इससे पर्यटकों का काफी परेशानी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है