पोटका.विधायक संजीव सरदार ने पोटका ग्रामीण क्षेत्र में बिल्डरों द्वारा खेतिहर जमीन को प्लॉटिंग कर बिक्री करने, ग्राम सभा की अनदेखी व झारखंड सरकार के बिल्डिंग बायलाज-2016 के कंडिका 69.3 के नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत उपायुक्त से की थी. शिकायत पर उपायुक्त ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ रजनीकांत मिश्रा व जिला अवर निबंधक राम कुमार मधेशिया को इसकी जांच का निर्देश दिया. दोनों पदाधिकारियों ने शनिवार को पोटका अंचल में बैठक की. जिसमें सीओ निकिता बाला, अंचल निरीक्षक शांतिराम षाड़ंगी व सभी हल्का राजस्व उपनिरीक्षक शामिल थे. जिसमें पदाधिकारियों ने कहा कि 5 हजार वर्ग फीट से ज्यादा भूमि पर भवन निर्माण किया जाता है, तो ऐसे मामलों में जिला परिषद से नक्शा पास करायें. इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी. बैठक के बाद पदाधिकारियों ने हल्दीपोखर स्थित लैंडमार्क व मार्डन टाउन में की जा रही प्लॉटिंग स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिया.
ग्रामसभा की भी अनदेखी की जा रही
बैठक में दोनों पदाधिकारियों ने सीओ, सीआई व राजस्व उपनिरीक्षकों से स्पष्ट कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिल्डरों द्वारा खेतिहर जमीन को कौड़ी के भाव खरीद कर जमीन का स्वरूप बदले बिना प्लॉटिंग कर उसे बेचा जा रहा है. जो नियमों के विरुद्ध है. हरित पट्टी उपयोग क्षेत्र में भूमि का उप-विभाजन तब तक नहीं किया जायेगा, जब तक कि प्राधिकरण की राय में ऐसा उप-विभाजन विद्यमान मानव निवास के सामान्य विस्तार का भाग नहीं हो. यह भी प्रावधान है कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. ग्रामसभा की भी अनदेखी की जा रही है. यह सामाजिक समरसता और पर्यावरण के लिए भी खतरे की घंटी है. ऐसे मामलों की जांच शुरू कर एक सप्ताह में सूची बनायें और इस पर रोक लगायें.
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