धालभूमगढ़. नरसिंहगढ़ में वर्ष 2009-10 में लगभग तीन करोड़ की लागत से बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज तक उद्घाटन नहीं हुआ है. अभी तक केंद्र चालू भी नहीं हो पाया है. विभागीय लापरवाही से उद्घाटन से पूर्व ही भवन खंडहर बन गया है. विभागीय लापरवाही के कारण प्रखंड की लगभग 62 हजार आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवा से वंचित है. प्रदेश में नयी सरकार गठन के साथ ही लोगों में उम्मीद जगी है कि केंद्र को चालू किया जायेगा. वर्ष 2013 में इसे सिविल सर्जन को हैंडओवर किया गया. कई दिनों तक विभागीय अधिकारियों ने चहारदीवारी और बोरिंग नहीं होने की बात कह कर सीएचसी को चालू नहीं किया. भवन बंद होने से चोरों ने पंखे चुरा लिए. दरवाजे और खिड़कियां उखाड़कर ले गये. खिड़कियों की शीशे टूट गये. पाइप लाइन, बेसिन, बिजली के बोर्ड तक लोग उखाड़ कर ले गये. यह भवन लोगों के शौच का स्थान बनकर रह गया है. लंबे समय से पड़े रहने के कारण चारों तरफ झाड़ियां उग आयी हैं. विधायक रामदास सोरेन ने जिला स्तरीय दिशा की बैठक में मामले को उठाया था. कोई पहल नहीं हुई तो उन्होंने विधानसभा में मामले को उठाया. इसके बाद जांच कमेटी ने 2021 में जांच कर भवन की मरम्मत के लिए सरकार को रिपोर्ट सौंपी. अब सरकार को निर्णय लेना है कि इस केंद्र का आगे क्या करना है.
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