गुड़ाबांदा. गुड़ाबांदा प्रखंड के फॉरेस्ट ब्लॉक स्थित रेड़ुआ आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बीते 12 साल से अधूरा पड़ा है. यह योजना जिला परिषद फंड से लायी गयी, जिसकी कुल लागत 6 लाख 25 हजार रुपये है. संवेदक ने आधा-अधूरा बनाकर छोड़ दिया. भवन में खिड़की-दरवाजे नहीं लगे हैं. इधर, भवन का प्लास्टर भी नहीं हुआ है. फर्श की ढलाई नहीं हुई है. बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. पूरा कार्य नहीं किया गया है. दीवार में दरार आ गयी है. पानी रिस रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र में 34 बच्चे पढ़ते हैं. सेविका कापरा मनी किस्कू व सहायिका सीता रानी हांसदा है. सेविका का कहना है हमलोग पहले घर में केंद्र चलाते थे. दो साल से अधूरा आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाना पड़ रहा है. यहां बहुत परेशानी होती है. ठंड में जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चों को दिक्कत होती है. वैसे भवन में दरवाजा व खिड़की नहीं होने कारण और अधिक ठंड लगती है. बच्चों के बीमार होने का डर रहता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है