चाकुलिया : संताली लोगों ने बीडीओ व बीइइओ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा शिक्षक चयन के लिए दोबारा सर्वे कराये सरकार

अधिकारों के होते हुए भी चाकुलिया प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के संथाल जनजाति बहुल विद्यालयों को मातृभाषा आधारित शिक्षा से वंचित किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2024 12:37 AM

चाकुलिया. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा शिक्षक के चयन के लिए सरकार ने सर्वेक्षण किया है. इसमें कई त्रुटियां का आरोप है. इन त्रुटियों को दूर करने को लेकर संताली समुदाय के लोगों ने मंगलवार को बीडीओ आरती मुंडा व बीइइओ को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्हें बताया गया कि संताली भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित भाषा है. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर कक्षा बालवाटिका से कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होगी. इस लिहाज से संताली भाषा भी मातृभाषा की श्रेणी में आती है. चाकुलिया प्रखंड के 21 विद्यालयों पर भाषावार कुल छात्रों की संख्या 2097 में 1312 संताली भाषा के छात्र हैं. इनका प्रतिशत 62.56 है. इन सभी अधिकारों के होते हुए भी चाकुलिया प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के संथाल जनजाति बहुल विद्यालयों को मातृभाषा आधारित शिक्षा से वंचित किया जा रहा है.

गलत ढंग से हुआ सर्वे

जिला में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शिक्षक नियुक्ति भाषावार पद सृजन किया गया है. बीइइओ सर्वेक्षण के लिए विद्यालयवार बीआरपी/सीआरपी की टैगिंग करते हुए सर्वेक्षण कार्य किया गया है. सर्वे इस प्रकार हुआ है कि कक्षा 1 से पांचवीं में प्रत्येक कक्षा में नामांकित कम से कम 10 विद्यार्थी जनजातीय क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले हों. झारखंड सरकार की यह नीति प्राथमिक शिक्षा एवं मातृभाषा आधारित शिक्षण में पूर्ण रूप से बाधक है. इस नीति को झारखंड सरकार की ओर से नये सिरे से सर्वेक्षण करने की जरूरत है. ज्ञापन सौंप कर यह मांग की गयी कि नये सिरे से सर्वेक्षण करा कर मातृभाषा संताली का पद सृजित करते हुए प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ने का अवसर प्रदान करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version