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GPS तकनीक से दलमा समेत देशभर में हो रही बाघों की गिनती, चांडिल के पाटा से नरसिंहपुर तक चल रहा गणना कार्य

jharkhand news: GPS तकनीक से दलमा समेत देशभर में बाघों की गिनती हो रही है. हालांकि, अब तक दलमा में बाघ की मौजदूगी के निशान नहीं मिले हैं. लेकिन, दलमा पश्चिमी के रेंजर दिनेश चंद्रा के अनुसार, 2015-16 में दलमा में बाघ देखा गया था.

Jharkhand news: झारखंड के दलमा वाइल्ड सेंचुरी सहित देशभर में एक से 8 दिसंबर तक जंगली जानवरों की ऑल इंडिया गणना 2021-22 का पांचवां चक्र चल रहा है. इसमें GPS तकनीक से बाघ व जंगली जानवरों की गिनती की जा रही है. दलमा में चल रही गणना में अब तक हाथी, हिरण, साहिल और भालू के निशान पाये गये हैं. यहां अब तक बाघ की मौजूदगी के कोई निशान नहीं मिले हैं.

मालूम हो कि 2015-16 में दलमा में बाघ देखा गया था. उसे कैमरे में भी कैद किया गया था. गणना से जुड़े वन्य अधिकारियों के अनुसार, झारखंड के बेतला जंगल में चीता देखा गया है. उसकी तस्वीर भी ली गयी है.

इधर, दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी (Dalma Wildlife Sanctuary) के 193 किलोमीटर के दायरे को दलमा पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्र में बांटा गया है. इसमें चांडिल के पाटा से लेकर नरसिंहपुर तक जंगली जानवरों की गिनती चल रही है. यह क्षेत्र सरायकेला के चांडिल, नीमडीह एवं पूर्वी सिंहभूम के पटमदा, बोड़ाम और जमशेदपुर प्रखंड के अंतर्गत आता है.

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इस गणना में 45 ट्रेकर समेत 70 वनपाल और वनरक्षी लगाये गये हैं. हर दिन दलमा में शहरबेड़ा और पातिपानी तक 5 किलोमीटर के दायरे में पगडंडी पर चलते हुए जंगली जानवरों पदचिह्न और लीद से जानवरों की संख्या का अनुमान लगाया जा रहा है. टीम मोबाइल के माध्यम से जीपीएस से सेंट्रल सर्वर से जुड़ी है. जंगल में मिलने वाले जानवरों से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन प्रमाण के साथ तस्वीरों की रूप में मोबाइल एप्लीकेशन से अपलोड कर हर दिन ऑनलाइन भेजी जा रही है.

गणना में जानवर कब आये और उनकी संख्या कितनी थी. सुबह 6 बजे से सर्वे के दौरान मांसाहारी और शाकाहारी जानवरों का भी पता लगाया जा रहा है. दलमा डीएफओ मौन प्रकाश के ट्रेनिंग में जाने के कारण सर्वे कार्य की देखरेख की जिम्मेवारी कॉरपोरेशन के डीएफओ को दी गयी है.

2015-16 में दलमा में देखा गया था बाघ: दिनेश

दलमा पश्चिमी के रेंजर दिनेश चंद्रा के अनुसार, ऑल इंडिया टाइगर गणना के दौरान दलमा में अब तक बाघ के निशान नहीं मिले हैं. दलमा में हाथी, साहिल और भालू के निशान मिले हैं. हाथियों के लिए प्रसिद्ध दलमा में सबसे अधिक हिरण और सूअर है. हालांकि, कहा कि 2015-16 में दलमा में बाघ देखा गया था. इसकी तस्वीर भी ली गयी थी. वह बाधिन गर्भवती थी. यह अनुमान लगाया गया कि बंगाल के रास्ते दलमा आकर बच्चों को सुरक्षित जन्म देने के बाद वह वापस लौट गयी.

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रिपोर्ट: दिलीप पोद्दार, पटमदा, पूर्वी सिंहभूम.

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