बा पोरोब में जनजातीय लोक कला संस्कृति की बिखेरी छटा

आदिवासी मूलवासी सांस्कृतिक एकता मंच द्वारा शनिवार को बा पोरोब का आयोजन किया गया. महोत्सव में आदिवासी समाज के संताल, हो, मुंडा, भूमिज, उरांव व लोहार-कमार समाज के नृत्य दलों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2024 8:58 PM

गरुड़बासा हुरलुंग में आदिवासी मूलवासी सांस्कृतिक एकता मंच ने किया आयोजन

लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर

गरुड़बासा हुरलुंग में आदिवासी मूलवासी सांस्कृतिक एकता मंच द्वारा शनिवार को बा पोरोब का आयोजन किया गया. महोत्सव में आदिवासियों के संताल, हो, मुंडा, भूमिज, उरांव व लोहार-कमार समाज के नृत्य दलों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया. इस तरह जनजातीय समाज के लोगों ने अनेकता में एकता का परिचय दिया.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी एवं विशिष्ट अतिथि पूर्वी सिंहभूम जिला बीस सूत्री कमेटी के उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार, एबीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ विजय कुमार पीयूष और मंच के चेयरमैन कृष्णा लोहार मौजूद थे. मुख्य अतिथि मंगल कालिंदी ने कहा कि बा पोरोब प्रकृति की उपासना का महापर्व है. हर समाज व समुदाय को प्रकृति की उपासना करना चाहिए. इस धरती पर जीवन का वजूद तभी बचा रहेगा, जब यहां वन पर्यावरण रहेगा. इसलिए हम सबों को वन पर्यावरण को संरक्षण व संवर्धन करने का संकल्प लेना चाहिए. इससे पूर्व सुबह में पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की गयी.

समाज के अगुवाओं को किया सम्मानित

बा पोरोब के दौरान सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत को रक्षा करने वाले समाज के अगुवाओं को मंच पर सम्मानित भी किया गया. गमछा देकर स्वागत किया गया. आदिवासी मूलवासी सांस्कृतिक एकता मंच की ओर से उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. समाज के अगुवाओं ने भी मंच को संबोधित किया. उन्होंने समाज के लोगों को पूर्वजों के बताये राह पर चलने आग्रह किया.

छऊ नृत्य ने सबका मन मोहा

बा पोरोब कार्यक्रम में कलाकारों ने छऊ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी. छुटू लोहार की खाड़ीपहाड़ी मानभूम जनशक्ति छऊ नृत्य समिति के कलाकारों ने बहुत ही रोचक शैली में छऊ नृत्य प्रस्तुत किया. वहीं, उस्ताद संजय उरांव की टीम ने भी मनमोहक प्रस्तुति दी.

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