कोवाली : सिंगराई प्रतियोगिता में चंपाई को प्रथम व मेरेन को द्वितीय पुरस्कार

बालियाचुआ में शिकार पर्व व सिंगराई प्रतियोगित का आयोजन. शिकारी पूरे विधि-विधान के साथ दिन को जंगल में शिकार करने गये, शाम को लौटे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 11:45 PM

प्रतिनिधि, कोवाली

पोटका प्रखंड की हरिणा पंचायत अंतर्गत बालियाचुआ में दसका बुरु सेंदरा पर्व (शिकार पर्व) का आयोजन किया गया. जिसमें गांव के शिकारी पूरे विधि-विधान के साथ दिन को जंगल में शिकार करने गये, जिसके बाद शाम को लौटे. इस दौरान शिकार की परंपरा को निभाया. यहां रात्रि में सिंगराई प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें आसपास क्षेत्र के लोग शामिल हुए व सिंगराई प्रस्तुत किया. सुबह में पुरस्कार वितरण किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि पोटका के विधायक संजीव सरदार उपस्थित थे.

विधायक ने कहा कि सिंगराई एक तरह की सामाजिक पाठशाला है, जिसमें समाजिक, आर्थिक, पारिवारिक ज्ञान को कला के माध्यम से मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है. इससे जीवन जीने की कलाओं को जानने का अवसर मिलता है. सेंदरा पोरोब (शिकार पर्व) आदिवासियों की परंपरा से जुड़ा पर्व है, जो आदि काल से चलते आ रहा है.

वन्य जीवों की घटती संख्या को लेकर सिर्फ हो रहा परंपरा का निर्वहन

विधायक ने कहा पूर्व के सेंदरा पोरोब में जीव-जंतुओ का शिकार किया जाता था, लेकिन वर्तमान में वन्य जीवों की लगातार घटती संख्या को लेकर केवल परंपरा को निभाया जा रहा है. इस सेंदरा पोरोब के दौरान सिंगराई का आयोजन होता है. यहां आयोजित सिंगराई प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार– चंपाई हेंब्रम को, द्वितीय पुरस्कार-डीबाडीह के मेरेन मुर्मू को, तृतीय पुरस्कार-रामगढ़कोचा के छोट राय टुडू को, चतुर्थ पुरस्कार-चामरुगोड़ा के लुगु टुडू को, पंचम पुरस्कार-डाम्बाय मार्डी को व षष्टम पुरस्कार धातकीडीह के सुनील सरदार को मिला. इस आयोजन को सफल बनाने में पाठ माझी रामराय हांसदा, नाया मोतीलाल सरदार, निरस्तन सरदार, महेश्वर सरदार, लोधया सोरेन, भीम सोरेन, पुरेन सरदार, लखन मार्डी, उदय हांसदा, सुरेन मुंडा, चांदराय मार्डी, सुलतान सरदार, सत्यवान सरदार, नुना टुडू आदि का सराहनीय योगदान रहा.

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