धालभूमगढ़ का सीएचसी खुद बीमार, जांच घर का नहीं खुलता है ताला
तकनीशियन के अभाव में बिना जांच कराये मरीज लौट रहे हैं. प्रखंड की 60 हजार आबादी को बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा नहीं मिल रही है.
धालभूमगढ़.
धालभूमगढ़ प्रखंड की 60 हजार की आबादी जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, वह खुद बीमार है. संसाधनों के अभाव में मरीजों को परेशान होना पड़ता है. प्रखंड में अत्याधुनिक एक्स-रे मशीन लगायी गयी है. पर तकनीशियन नहीं रहने से इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. सीएचसी में निर्बाध बिजली के लिए लाखों रुपये का डीजी सेट लगाया गया था. एक माह से खराब पड़ा है. मरीजों ने बताया कि चिकित्सक एक्स-रे के लिए लिखते तो हैं, यहां मशीन रहने के बाद भी सुविधा नहीं मिलती है. जिला से एक छात्र को इंटर्नशिप के तहत यहां भेजा गया है. लो वोल्टेज की समस्या बताकर मरीजों को लौटा दिया जाता है. शुक्रवार को 3 बजे तक जांच घर में ताला लटक रहा था. मरीजों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण मरीजों को जांच की सुविधा नहीं मिल रही है. जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा पर ग्रामीणों में रोष है. एमओआइसी डॉ ओपी चौधरी ने बताया कि तकनीशियन का पदस्थापन नहीं होने से एक्स-रे का काम बंद है. दो बार तकनीशियन के लिए पत्र लिखा जा चुका है. तकनीशियन के रूप में एक छात्र को जिला से भेजा गया है. प्रशिक्षित तकनीशियन नहीं रहने से परेशानी हो रही है. डीजी सेट पर उन्होंने कहा कि एक-दो दिनों में इसकी मरम्मत कराकर चालू करा दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है