दलमा में 20 मई को होगा दिसुआ सेंदरा, दलमा राजा वन देवी-देवताओं से दिसुआ सेंदरा की मांगेंगे अनुमति
सेंदरा समिति की ओर से झारखंड, बंगाल, ओडिशा व बिहार के दिसुआ सेंदरा वीरों को गिरा सकम अर्थात पारंपरिक न्योता पत्र भेजा गया था.
दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर 20 मई को दिसुआ सेंदरा पर्व मनाया जायेगा. इसके मद्देनजर 18 मई यानी शनिवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम दलमा की तराई गांव फदलाेगोड़ा की पहाड़ी पर विशेष पूजा अर्चना करेंगे. वे शनिवार की शाम को पहाड़ी पर जाकर वन देवी-देवताओं का आह्वान करेंगे और उनसे दिसुआ सेंदरा मनाने की अनुमति मांगेंगे. गुरुवार को राकेश हेंब्रम ने बताया कि सेंदरा समिति की ओर से झारखंड, बंगाल, ओडिशा व बिहार के दिसुआ सेंदरा वीरों को गिरा सकम अर्थात पारंपरिक न्योता पत्र भेजा गया था. उनकी ओर दलबल के साथ आने की बात कही गयी है. इधर सेंदरा समिति की ओर से दिसुआ सेंदरा वीरों का फदलोगोड़ा स्थित गिपितीज टांडी अर्थात रात्रि विश्राम स्थल पर स्वागत की पूरी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
19 मई को दिसुआ सेंदरा वीरों का होगा जमावड़ा
दलमा में हर साल झारखंड, बंगाल, ओडिशा व बिहार से हजारों दिसुआ सेंदरा वीर आते हैं. इस वर्ष 19 मई को सुबह से दलमा की तराई गांव में सेंदरा वीरों का आना शुरू हो जायेगा. दलमा की तराई गांव फदलोगोड़ा, हलुदबनी समेत अन्य गांव में वे रात्रि विश्राम करेंगे और 20 मई को तड़के सुबह दलमा पहाड़ी पर शिकार खेलने के लिए कूच करेंगे.
विशु शिकार सेंदरा पर्व की चल रही तैयारी
दलमा में हर साल होने वाले विशु शिकार सेंदरा पर्व को लेकर तैयारी की जा रही है. इसके तहत वन विभाग ने सेंदरा पर्व मनाने वालों से अपील की है कि वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर प्रतीकात्मक तौर पर पर्व मनाये, पूजा करें, जानवरों का शिकार नहीं करें. पहले से ही जानवरों का शिकार होने के कारण काफी कमी जानवरों में आ चुकी है, उसी को देखते हुए नये सिरे से विचार करने की जरूरत है. हालांकि, अब शिकारियों की संख्या में काफी कमी आयी है. गुरुवार को मुख्य वन संरक्षक एसआर नातेश और डीएफओ दलमा डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि सामाजिक चेतना आयी है और लोग भी वन संरक्षण के प्रति जागरूक हुए है. वन विभाग ऐसे लोगों का हर संभव सहयोग करने को तैयार है. लेकिन शिकार करने से रोकने के लिए भी उपाय किये गये है.
11 जगहों पर चेकनाका बना, 6 डीएफओ और मजिस्ट्रेट भी तैनात
सेंदरा पर्व को लेकर वन विभाग पूरी तरह से अपना प्लान तैयार कर चुकी है. दलमा में जंगली जानवरों का शिकार ना हो इसके लिए वन विभाग दलमा आने वाले कुल 11 जगहों पर चेकनाका बना रही है. सभी चेकनाकों पर वन विभाग के अधिकारियों की तैनाती होगी जो शिकारियों को रोकेगी और अपील करेगी. विभिन्न जिलों के 6 डीएफओ भी दलमा में तैनात रहेंगे. 17 गश्ती पथ भी बनाया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने 19 मई की दोपहर से 20 मई तक सेंदरा रोकने के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की है. इसके तहत दारीशोल नाका, बहरागोड़ा 1, बहरागोड़ा चेकनाका, धालभूमगढ़ चेकनाका, कालीमंदिर, एनएच 33, घाटशिला, हाता नाका, देवघर (भिलाईपहाड़ी), दाहुबेड़ा चेकनाका, चांडिल रेलवे स्टेशन एवं रघुनाथपुर नीमडीह, भादुडीह नाका और गेरुआ में नाका बनाया गया है. इस दौरान यहां डीएफओ जमशेदपुर ममता प्रियदर्शी, डीएफओ चाईबासा सत्यम कुमार, डीएफओ कोल्हान वन प्रमंडल अभिषेक भूषण, डीओफओ पोड़ाहाट आलोक कुमार वर्मा, डीएफओ सरायकेला आदित्य नारायण, डीएफओ सामाजिक वानिकी प्रमंडल आरपी सिंह को तैनात किया गया है. सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिले के मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया है.