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East Singhbhum News : चिकित्सक ने अपनी जमीन बता बिजली खंभा उखाड़ा, नहर को घेरा, हंगामा

गालूडीह के ऊपरडांगा के ग्रामीणों ने जताया विरोध, काम रोका, ऊपरडांगा में वर्षों से बांस पर बिजली के तार खींचे गये थे, विभाग सीमेंट का खंभा लगा रहा

गालूडीह. घाटशिला के ऊपरडांगा बस्ती में बांस के खंभों पर खींचे गये बिजली तार को हटाकर विभाग सीमेंट का पोल गाड़ रहा है. गालूडीह के चिकित्सक डॉ स्वपन मांझी ने अपनी जमीन बताकर मंगलवार की सुबह में सीमेंट के दो बिजली पोल को जेसीबी मशीन से तोड़कर गिरा दिया. वहीं लघु शाखा नहर की घेराबंदी कर दी. इसका पाटमहुलिया गांव के ऊपरडांगा बस्ती के ग्रामीणों ने विरोध किया. जेसीबी से चल रहा चिकित्सक के काम को बंद करा दिया. ऊपरडांगा बस्ती में सैकड़ों गरीब परिवार रहते हैं. इस बस्ती में वर्षों से बांस के खंभों पर बिजली के तार खींचे गये हैं. बिजली विभाग अब सीमेंट के पोल गाड़ रहा है.

दोषी पर मामला दर्ज होगा : बिजली विभाग

सूचना पाकर बिजली विभाग और पंचायत प्रतिनिधि पहुंचे. बिजली विभाग ने कहा कि दोषी पर मामला दर्ज कराया जायेगा. नाराज महिलाओं ने बिजली पोल तोड़ने पर जमकर हंगामा किया. ऊपरडांगा की पूजा कर, कोमा हांसदा, पार्वती महतो, रेखा गोप, रीना स्वर्णकार, सुमित्रा कर्मकार, गुलाबो कर, ज्योशना सबर आदि ने विरोध किया.

चिकित्सक पर सरकारी जमीन घेरने का आरोप

ग्रामीणों ने बताया उक्त जमीन डॉ स्वपन माझी की है. उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है. सिंचाई विभाग ने गालूडीह-नरसिंहपुर रोड किनारे नहर निर्माण किया गया है. नहर को बाउंड्री देकर घेर लिया गया है.

आपत्ति थी तो विभाग को सूचना देते, पोल तोड़ना गलत : कनीय अभियंता

बिजली पोल तोड़ने की सूचना पर विजय इंफ्रा, एमयूजेवाई के प्रभारी रित्तिम गिरि और जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह, महुलिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सपन सिंह पहुंचे. जिप सदस्य ने तत्काल निर्माण कार्य रोका. एमयूजेवाइ के प्रभारी ने कहा कि पोल तोड़ने वाले पर मामला दर्ज होगा. बिजली विभाग के कनीय अभियंता आनंद कच्छप ने कहा कि बिना कोई सूचना के पोल तोड़ना अपराध है. कोई आपत्ति थी, तो पहले विभाग को सूचना देते. बुधवार को विभाग की टीम वहां जायेगी.

बिना अनुमति मेरी जमीन पर पोल गाड़ा गया : डॉ स्वपन मांझी

डॉ स्वपन माझी ने बताया कि बिजली विभाग ने मेरी जमीन पर बिना अनुमति पोल गाड़ा है. पोल तोड़ने का आरोप गलत है. मैंने सिर्फ उखाड़कर रखा था. पोल किसने तोड़ा, मुझे नहीं पता. नहर की जमीन मेरी निजी जमीन है. नहर निर्माण के समय भी मुझसे अनुमति नहीं ली गयी.

नहर की घेराबंदी हुई है, तो प्राथमिकी दर्ज होगी

नहर की घेराबंदी कोई नहीं कर सकता है, न नहर को भर सकता है. ऐसा करना सरकारी काम में बाधा डालना है. बुधवार को अभियंताओं की टीम जायेगी. अगर नहर की घेराबंदी हुई, तो दोषी के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की जायेगी.

– दीपक कुजूर, कार्यपालक अभियांत, 12 नंबर डिविजन, सुवर्णरेखा परियोजना

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