महिला थाना में आ रहे है घरेलू हिंसा के मामले, परिवार न टूटे इसलिए की जा रही है काउंसलिंग

शहर में महिला प्रताड़ना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महिला प्रताड़ना और घरेलू हिंंसा से जुड़ी करीब 5 से 10 मामले हर रोज साकची महिला थाना में आ रहे है. इनमें से अधिकांश मामले का निष्पादन साकची महिला थाना काउंसलिंग द्वारा कर रही है.

By Nikhil Sinha | June 19, 2024 7:43 PM

Domestic Violence / Jamshedpur : शहर में महिला प्रताड़ना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महिला प्रताड़ना और Domestic Violence से जुड़ी करीब 5 से 10 मामले हर रोज Sakchi Mahila thana में आ रहे है. इनमें से अधिकांश मामले का निष्पादन साकची महिला थाना काउंसलिंग द्वारा कर रही है. कुछ मामलों में परिवार के लोगों द्वारा ही छेड़छाड़, पति द्वारा मारपीट जैसे मामलों में पुलिस तुरंत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू करती है. इसके अलावे पोक्सो और यौन शोषण से संबंधित सभी मामलों में फौरन केस दर्ज कार्रवाई की जाती है. मिली जानकारी के अनुसार पूर्व की अपेक्षा में हाल के दिनों में पारिवारिक हिंसा के मामले काफी बढ़े है. कई ऐसे मामले भी आ रहे है, जिसमें विवाद का कोई आधार नहीं होता है. इसके बाद भी दोनों पक्ष कई प्रकार के आरोप लगाते है. ऐसे में अधिकतर मामलों को काउंसिलिंग करके सुलझा दिया जाता है, ताकि किसी का परिवार न बिगड़े. जिन मामलों में Counselling व डालसा की ओर से किये जाने वाला प्रयास विफल हो जाता है तो पुलिस फिर केस दर्ज कर देती है. आपसी विवाद को लेकर कोई परिवार न टूटे , इसलिए महिला थाना की ओर से Counselling की पूरी व्यवस्था की गयी है. ऐसे में लोगों को समझा कर मामलों का निष्पादन करने के की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाती है.
Igo के कारण पति- पत्नी के बीच विवाद :
पति पत्नी के बीच होने वाले कई मामलों में देखा गया है कि विवाद और झगड़ा का कारण Igo है. अगर दोनों नौकरी में है तो इगो का लेवल थोड़ा हाई रहता है. ऐसे में छोटी छोटी बात पर समझौता करने के बजाए दाेनों विवाद को बड़ा रूप देते है. ऐसे में रिश्तों में खटास बढ़ता है और फिर मामला घरेलू हिंसा में बदल कर थाना पहुंच जाता है. कई बार पति – पत्नी के ईगो के कारण परिवार बिगड़ने की स्थिति में पहुंच जाता है और नौबत तलाक तक पहुंच जाती है. या फिर लोग अपनी जिंदगी को ही समाप्त कर लेते है. कई बार ऐसे केस मिलते है, जिसमें छोटी छोटी बात को लेकर महिला या पुरुष आत्महत्या कर लेते है.
महिला थाना में है काउंसलिंग डेस्क :
साकची महिला थाना में घरेलू और पारिवारिक मामलों का निष्पादन के लिए डेस्क भी बनाया गया है. जिसमें कुछ एनजीओ की महिलाओं को शामिल किया गया है. पति- पत्नी के विवाद और घरेलू हिंसा के मामले आने पर साकची थाना के पुलिस पदाधिकारी पहले दोनों पक्ष को बुला कर समझाते है. जब पुलिस की बात मानने से इंकार होता है तो पुलिस के दिशा निर्देश पर एनजीओ की महिलाएं दोनों पक्ष से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास करते है. उनकी पूरी कोशिश रहती है, कॉउंसलिंग कराकर मामले को सुलझा लिया जाये. काउंसलिंग महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को काम करने के लिए दोनों पक्षों से बातचीत भी करते हैं, ताकि कलह को खत्म किया जा सके.
केस – 1
बागबेड़ा की रहने वाली एक महिला ने अपने पति के खिलाफ मारपीट और प्रताड़ना का केस दर्ज कराया. महिला का आरोप था कि उसके पति नशा करने के बाद गंदी गंदी गालियां देते है. मारपीट करते है. इसलिए वह उसके साथ नहीं रहना चाहती है. मामलिा महिला थाना पहुंचने के बाद पुलिस ने दोनों पक्ष को समझाया. उसके बाद उन दोनों को काउंसलिंग टीम के पास भेजा गया. जहां टीम ने उन दोनों को तलाक के नुकसान के बारे में जानकारी दी. इसके बाद दोनों ने आपसी समझौता कर एक साथ रहने को राजी हो गये.
केस -2
बारीडीह की एक महिला ने साकची थाना में पति और ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का केस दर्ज कराया. महिला ने कहा कि वह अपने पति के साथ तब रहेगी जब वह अपने मां – बाप से अलग रहेंगे. लेकिन उसका पति मां- पिता काे छोड़ कर रहने से इंकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने इसमें दोनों पक्ष और उनके परिवार के लोगों को थाना बुला कर समझाया. उसके बाद दोनों पक्ष के अभिभावकों को केस दर्ज होने वाली परेशानी को बताया. साथ ही उन लोगों को कैसे रहना है, उसके बारे में जानकारी दी. इसके बाद दोनों पक्ष एक साथ रहने के लिए राजी हो गये.

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