मुसाबनी.
मुसाबनी प्रखंड में गर्मी के कारण अधिकांश नदी, नाले और जल स्रोत सूख गये हैं. इससे प्रखंड के सब्जी उत्पादक किसानों को फसल बचाने में परेशानी हो रही है. पानी की कमी से सिंचाई के अभाव में सब्जी के पौधे प्रचंड गर्मी में झुलस गये हैं. इससे सब्जी उत्पादक किसानों को नुकसान हो रहा है. जानकारी के अनुसार, कुइलीसूता के मांराग टोला के प्रगतिशील किसान महेश मार्डी ने लगभग एक एकड़ में भिंडी, टमाटर, सूरजमुखी की खेती की है. श्री मार्डी सिंचाई के लिए बगल में स्थित राडो नाला पर निर्भर हैं. जहां डीजल पंप चलाकर लगभग 250 मीटर पाइप से सिंचाई के लिए पानी खेत में पहुंचाते हैं. तेज धूप और गर्मी से राडोनाला का पानी सूख गया है. महेश की खेत में लगी सब्जी की फसल को बचाने में परेशानी हो रही है.सिंचाई की सुविधा मिलने पर होगी सालों भर खेती
श्री मार्डी के मुताबिक सिंचाई सुविधा मिलने पर क्षेत्र के किसान सालों पर खेती कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. एमए की पढ़ाई कर खेती कर श्री मार्डी परिवार चला रहे हैं. उन्होंने खरीफ के मौसम में ब्लैक राइस और बासमती किस्म के धान की खेती की थी. इससे अच्छी आमदनी हुई थी. इसके साथ ही जाड़े के मौसम में मटर समेत कई अन्य सब्जी की खेती की थी. उन्होंने कहा किसानों को सिंचाई सुविधा के अभाव के साथ मुसाबनी बाजार में सब्जी बेचने की परेशानी है. स्थानीय सब्जी उत्पादक किसानों को उत्पाद बेचने के लिए बैठने के लिए शेड की कोई व्यवस्था नहीं है. बाजार में अधिकांश जगहों पर अतिक्रमण है. इससे सब्जी उत्पादक किसानों को दूसरे के बरामदे में धूप में बैठकर सब्जी बेचनी पड़ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है