झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान, किसानों को सता रहा धान बर्बाद होने का डर
जेई संजय कुमार की मानें तो सिंघपुरा, बहरागोड़ा, जग्गनाथपुर पावर हाउस के लिए 22 मेघावाट बिजली की जरूरत है. जबकि डीवीसी की ओर से अभी 8 से 10 मेगावाट ही सप्लाई किया जा रहा है
इन दिनों बहरागोड़ा प्रखंड के लोग बिजली कटौती से परेशान हैं. 24 घंटे में मुश्किल से 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है. बिजली कटौती से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. किसानों के मुताबिक अभी खेत गरमा धान को अंतिम पानी देना अभी बाकी है. बिजली कटौती के लिए विभाग के द्वारा कोई समय निर्धारित नहीं है. जब मन करता है बिजली काट दी जाती है. सुबह से लेकर रात तक बिजली की आंख मिचौनी ऐसे ही चलती रहती है. बताया गया कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन की बिजली कटौती के कारण ये समस्या आ रही है
50 हजार से अधिक उपभोक्ता परेशान:-
जेई संजय कुमार की मानें तो सिंघपुरा, बहरागोड़ा, जग्गनाथपुर पावर हाउस के लिए 22 मेघावाट बिजली की जरूरत है. जबकि डीवीसी की ओर से अभी 8 से 10 मेगावाट ही सप्लाई किया जा रहा है. इसके चलते इन इलाकों में 10 से 12 घंटे बिजली गुल रहती है. विभागीय अभियंता की मानें तो इससे भी अधिक कटौती होने की संभावना है. प्रखंड में जेबीवीएनएल के लगभग 50 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं जो परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
इन इलाकों में रहने वाले किसानों का कहना है कि खेत में धान की अच्छी पैदावार हुई है, अंतिम बार खेत में पानी देना जरूरी है. लेकिन न बारिश हो रही है और न ही बिजली की सही से सप्लाई हो रही है. इस वजह से मोटर पंप बेकार पड़ा हुआ है.
अगर बिजली की आंख-मिचौनी ऐसी ही चलती रही तो धान बर्बाद हो जाएगा. कई किसान डीजल पंप की सहायता से खेत में पानी दे रहे हैं लेकिन उसमें खर्च बहुत ज्यादा है और मुनाफा कम. इस कारण किसान इसका प्रयोग करने से परहेज कर रहे हैं. दूसरी ओर मुख्य कैनाल में भी पानी नहीं है. अगर कैनाल में पानी होता तो वहां से पानी लाकर खेतों में दिया जा सकता था.