गुड़ाबांदा : कुआं से बुझ रही सबरों की प्यास

सापुआ सबर टोला के 12 परिवार के पानी के लिए तरस रहेसबरों को हर माह राशन व पेंशन मिलती हैं, बाकी सुविधाएं फाइलों में

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 11:25 PM
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गुड़ाबांदा. सापुआ सबर टोला के 12 परिवार के पानी के लिए तरस रहे- हर घर जल नल योजना से कनेक्शन मिला, लेकिन पानी नहीं पहुंचा- सबरों को हर माह राशन व पेंशन मिलती हैं, बाकी सुविधाएं फाइलों में

गुड़ाबांदा.

गुड़ाबांदा प्रखंड की सिंहपुरा पंचायत अंतर्गत माकड़ी गांव के सापुआ सबर टोला में पानी का गंभीर संकट है. टोला के 12 परिवार 30 फीट गहरे कुआं से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. टोला में सोलर संचालित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना है. इसमें चार हजार लीटर की टंकी है. यह कई साल से खराब है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. हर घर जल-नल योजना से घरों में कनेक्शन दिया गया है, लेकिन कभी पानी नहीं पहुंचा. आज भी बस्ती के लोग नल को देखते हुए आस में बैठे हैं कि पानी मिलेगा. इधर, ठेकेदार जिसे तेजी से काम दिखा कर पैसा निकासी कर चलता बना. इस भीषण गर्मी में पानी की कमी से लोग बेहाल हैं.

आदिम युग की जिंदगी जी रहे सबर

सबर बस्ती के लोग की जिंदगी आदिम युग की याद दिला रही है. यहां तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. टोला में 12 परिवार के 40 लोग हैं. इस टोला में कई परिवार के लोग झोपड़ी में रहते हैं. बरसात के मौसम में झोपड़ी में किसी तरह जीवन काटते हैं. आज भी अनेक सबर परिवार ऐसे हैं, जो आदिम युग जी रहे हैं. सिंहपुरा पंचायत के ज्वालकाटा में गुड़ाबांदा प्रखंड कार्यालय है. इसके बावजूद अबतक सबरों को पानी और आवास की सुविधा नहीं मिली. प्रति माह सिर्फ राशन और पेंशन मिलती हैं. सबरों को मिलने वाली बाकी सुविधा फाइल में दम तोड़ रही है.

गालूडीह : मोटर खराब, सैकड़ों घरों में जलापूर्ति ठप

गालूडीह के महुलिया-कालीमाटी शहरी इलाके में मोटर खराब होने से सैकड़ों घरों में दो दिनों से जलापूर्ति ठप है. गर्मी में लोग पानी के लिए पसीना बहा रहे हैं. गालूडीह के हाटचाली की बोरिंग का मोटर जल गया है. यहां दो बोरिंग है, एक पहले से धंस कर बेकार हो गयी. दूसरी बोरिंग का मोटर जल गया. तेतुलबगान के पास एक और बोरिंग है, जहां से कुछ इलाकों में जलापूर्ति हो रही है. एक बोरिंग से सभी जगह पानी नहीं पहुंच पा रहा है. गालूडीह के महुलिया और कालीमाटी में करीब 500 घरों में जलापूर्ति का कनेक्शन है. एक बोरिंग से करीब 200 घरों को पानी मिल जा रहा, पर करीब 300 घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा. गालूडीह शहरी बाजार क्षेत्र में चापाकल भी नहीं है. जो है, वह खराब है. कुछ बस्तियों और मुहल्लों में सोलर जलमीनार है, जिससे पानी लाकर लोग प्यास बुझा रहे हैं. नहाने और कपड़ा धोने के लिए सुवर्णरेखा नदी या फिर तालाब लोग जा रहे हैं. गालूडीह वाटसन कमेटी के पदाधिकारी खराब मोटर की मरम्मत में जुटे हैं.
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