East Singhbhum : बहरागोड़ा में धान काटने के बाद पराली जला रहे किसान, फैल रहा प्रदूषण
मशीन से धान कटाई के बाद फसल का काफी हिस्सा खेत में रह जाता है, हाथ से धान काटने पर थोड़ा हिस्सा खेत में रहता था
बरसोल. बहरागोड़ा प्रखंड में धान की कटाई चल रही है. मशीन से धान काटने के बाद किसानों ने पराली जलाना शुरू कर दिया है. इससे आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है. पहले किसान अपनी फसल खुद काटते थे. फसल का थोड़ा हिस्सा खेतों में रहता था, जिसे जलाने की जरूरत नहीं होती थी. पिछले कुछ साल से धान की कटाई मशीनों से की जाती है. मशीन फसल का सिर्फ ऊपरी हिस्सा काटती है. बाकी का हिस्सा जमीन में रह जाता है. किसानों के पास दूसरी फसल की बुआई करने के लिए कम समय रहता है. ऐसे में पराली को काटने के बजाय जला देते हैं. हर साल अक्तूबर और नवंबर में पराली जलायी जाती है, ताकि रबी की फसल समय पर बोआई की जा सके. जल्दबाजी में किसान फसल कटने के बाद पराली जला देते हैं. इससे काफी प्रदूषण फैलता है. पराली से निकलने वाले धुएं से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ वैज्ञानिकों की मानें, तो पराली की राख से खेत की मिट्टी में पाया जाने वाले राइजोबिया नामक बैक्टीरिया पर काफी असर पड़ता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है