East Singhbhum : बहरागोड़ा प्रखंड में खरीफ में धान कटनी होते ही गरमा की खेती में जुटे किसान
इस बार प्रखंड में 4442 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य, सरकारी स्तर पर व्यवस्था नहीं, निजी स्तर से पटवन करते हैं किसान
बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड में खरीफ मौसम का धान कटनी के बाद किसान गरमा धान की खेती में जुट गये हैं. इस बार 4442 हेक्टेयर में गरमा धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. यहां के किसानों का आय का मुख्य स्रोत खेती है. अधिकतर जगहों पर किसान निजी सबमर्सिबल से पटवन कर रहे हैं. किसान फिलहाल धान के बिचड़े निकालने की तैयारी में हैं. उसके बाद रोपनी कार्य शुरू होगा. निजी सबमर्सिबल से पटवन करने से बिजली बिल काफी आ रहा है. ऐसे में खेती की लागत बढ़ जाती है. यहां सरकारी स्तर से खेती के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके बावजूद यहां के किसान साल में दो बार धान की खेती करते हैं. सरकारी स्तर से किसानों के लिए सिंचाई एवं खाद की व्यवस्था सही समय पर कर दिया जाय, तो उन्नत खेती होगी. पूर्वी सिंहभूम का बहरागोड़ा एकमात्र प्रखंड है, जो धान की खेती में अव्वल रहा है. इस प्रखंड को सरकारी व्यवस्था से दूर रखा गया है. प्रभारी कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कुछ जगहों पर किसान खरीफ धान की कटाई के बाद गरमा धान की खेती में जुट गये हैं. जो किसान निजी सबमर्सिबल से खेती कर रहे हैं, वैसे किसान कुसुम योजना के तहत सोलर प्लेट का लाभ ले सकते हैं. इससे किसानों को बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
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