कम बारिश की स्थिति में धान की जगह तेलहन की खेती करें किसान, दारीसाई में मिला प्रशिक्षण

प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ आरती वीणा एक्का व कृषि वैज्ञानिक गोदरा मार्डी ने धालभूमगढ़, घाटशिला, जमशेदपुर, मुसाबनी और बहरागोड़ा से आये करीब 20 किसानों को प्रशिक्षण दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 11:24 PM

गालूडीह. दारीसाई स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (पूर्वी सिंहभूम) के सभागार में गुरुवार को किसानों को तेलहन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र की प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ आरती वीणा एक्का व कृषि वैज्ञानिक गोदरा मार्डी ने धालभूमगढ़, घाटशिला, जमशेदपुर, मुसाबनी और बहरागोड़ा से आये करीब 20 किसानों को प्रशिक्षण दिया. सूर्यमुखी, सरगुजा व सोयाबीन के उत्पादन में तकनीक के उपयोग पर जोर दिया गया. डॉ आरती ने बताया कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए धान की खेती के आसरे बैठने की बजाय तेलहन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने किसानों को सोयाबीन की फसल में उन्नत किस्में, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन का महत्व व आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी दी. पौधों पर पोषक तत्व की कमी के लक्षण और कमी को पूरा करने के उपाय बताये गये. मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच को नमूना लेने की तकनीक से अवगत कराया. लवणीय व क्षारीय भूमि की पहचान, भूमि सुधार के लिए जिप्सम प्रयोग व हरी खाद का महत्व, मृदा स्वास्थ्य के लिए जैविक खादों का प्रयोग, वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधियां व जैविक खाद- वर्मीवाश तैयार करने की प्रायोगिक जानकारी दी. किसानों को बताया कि आप प्रशिक्षण लेकर दूसरे किसान साथियों के साथ भी साझा करें, ताकि लोग धान की खेती आसरे बैठने रहने के बजाय कम पानी में ऊपरी और मध्य जमीन में तेलहन की खेती को अपना सकें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version